और दुरुस्त हो न्यायपालिका की व्यवस्था : डॉ. जितेंद्र सिंह

जमशेदपुर: न्यायपालिका व्यवस्था और दुरुस्त होनी चाहिए. इसमें अब भी बहुत बदलाव की जरूरत है. 1861 के कानून में संशोधन जरूरी है, ताकि न्यायपालिका की भूमिका लोगों तक पहुंचायी जाये. आम लोगों को न्यायपालिका पर ही सबसे अधिक विश्वास है. उक्त बातें इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स,जमशेदपुर के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि को-ऑपरेटिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2015 7:15 AM
जमशेदपुर: न्यायपालिका व्यवस्था और दुरुस्त होनी चाहिए. इसमें अब भी बहुत बदलाव की जरूरत है. 1861 के कानून में संशोधन जरूरी है, ताकि न्यायपालिका की भूमिका लोगों तक पहुंचायी जाये.

आम लोगों को न्यायपालिका पर ही सबसे अधिक विश्वास है. उक्त बातें इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स,जमशेदपुर के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा. जितेंद्र सिंह ने कही. रविवार को जमशेदपुर कोर्ट के बार भवन में समाज में न्यायपालिका की भूमिका पर सेमिनार हुआ. इसके पूर्व झारखंड राज्य बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल और प्राचार्य डॉ जितेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

सेमिनार में राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि आम लोगों को सबसे अधिक न्यायपालिका पर भरोसा होता है. विधायिका- कार्यपालिका से निराशा के बाद लोग न्यायपालिका के पास जाते हैं. आज चलंत न्यायालय, लोक अदालत के रूप में न्यायपालिका काम कर रही है. मौके पर मौजूद वरीय अधिवक्ता जीएस जायसवाल ने कहा कि देश के कानून को और कड़ा बनाने की आवश्यकता है. कानून ऐसा बने कि लोगों को जल्द व सही न्याय मिल सके. इसके लिए कानून व्यवस्था में कुछ बदलाव जरूरी है.

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