टाटा वर्कर्स यूनियन: कागजात सौंपने के लिए यूनियन ने मांगा एक सप्ताह, डीएलसी ने दी 4 दिन की मोहलत
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के एजीएम मामले में शिकायत की जांच उप श्रमायुक्त एसएस पाठक ने प्रारंभ कर दी है. शुक्रवार को उप श्रमायुक्त कार्यालय में यूनियन अध्यक्ष व महामंत्री को कागजात के साथ उपस्थित होना था. इस नोटिस के आधार पर यूनियन के उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा, अरविंद पांडेय, शहनवाज आलम व भगवान सिंह उप […]
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के एजीएम मामले में शिकायत की जांच उप श्रमायुक्त एसएस पाठक ने प्रारंभ कर दी है. शुक्रवार को उप श्रमायुक्त कार्यालय में यूनियन अध्यक्ष व महामंत्री को कागजात के साथ उपस्थित होना था. इस नोटिस के आधार पर यूनियन के उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा, अरविंद पांडेय, शहनवाज आलम व भगवान सिंह उप श्रमायुक्त से मिले.
उप श्रमायुक्त को बताया गया कि अध्यक्ष व महामंत्री का पूर्व से कार्यक्रम तय था जिसके कारण वे लोग उपस्थित नहीं हो सके हैं. कागजात जमा करने के लिए यूनियन की ओर से एक सप्ताह का समय दिये जाने की मांग की गयी, जिसपर उप श्रमायुक्त ने चार दिनों का समय देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 15 को शाम चार बजे मुकर्रर की. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता पक्ष के लोग अनुपस्थित रहे.
विपक्षी खेमे ने संविधान संशोधन पर दर्ज करायी थी आपत्ति
टाटा वर्कर्स यूनियन की आमसभा कंपनी परिसर में 15 मई को हुई थी. श्रमायुक्त सह निबंधक से विपक्षी खेमे ने एजीएम में संविधान संशोधन के विभिन्न बिंदुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज करवायी थी. विपक्षी खेमे के आवेदन पर श्रमायुक्त ने उप श्रमाुक्त को जांच करने का आदेश जारी कर यथाशीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है. एजीएम में प्रस्तुत विभिन्न बिदुओं पर विपक्षी खेमे के कमेटी मेंबर व कई कर्मचारियों ने आपत्ति दर्ज करायी थी जिसमें चुनाव में ऑब्जर्वर की भूमिका चुनाव के अंत तक नहीं रहने को लेकर थी. कहा गया कि जब पदाधिकारियों को हटाने का अधिकार आम सभा को दिया गया है तो पदाधिकारियों को चुनने की जिम्मेवारी भी आम सभा को मिले. एजीएम में मिठाई का कूपन देने के बाद साइन करवाये गये रजिस्टर को उपस्थिति रजिस्टर के रूप में दिखाये जाने पर भी आपत्ति दर्ज करवायी गयी. एजीएम में संविधान के कुछ बिंदुओं पर संशोधन व चुनाव नियमावली को लेकर हर चुनाव में होने वाले परेशानी को दूर करने का प्रयास किया गया था.