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कहानी में दिखना चाहिए भविष्य : डॉ लक्ष्मण

फ्लैग::: जलेस की साहित्यिक संगोष्ठी में जुटे साहित्यकार, समकालीन कहानियों के मुख्य तत्व पर हुई चर्चालाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर जनवादी लेखक संघ की सिंहभूम इकाई के तत्वावधान में ‘समकालीन कहानियों में मुख्य तत्व’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान परिसर में आयोजित उक्त संगोष्ठी में को ऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर के हिंदी विभाग […]

फ्लैग::: जलेस की साहित्यिक संगोष्ठी में जुटे साहित्यकार, समकालीन कहानियों के मुख्य तत्व पर हुई चर्चालाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर जनवादी लेखक संघ की सिंहभूम इकाई के तत्वावधान में ‘समकालीन कहानियों में मुख्य तत्व’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान परिसर में आयोजित उक्त संगोष्ठी में को ऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर के हिंदी विभाग के प्राध्यापक एवं कहानीकार डॉ लक्ष्मण प्रसाद चंद मुख्य अतिथि तथा मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज के प्राध्यापक डॉ आशुतोष विशिष्ट अतिथि थे. जलेस के अध्यक्ष नंद कुमार उन्मन ने संगोष्ठी की अध्यक्षता के साथ संचालन भी किया. डॉ लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि कहानियों में यथार्थ तो हो, किन्तु उसमें समाज और मनुष्य का भविष्य भी परिलक्षित होना चाहिए. कहानी नकारात्मक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये सारे तत्व प्रेमचंद की कहानियों में हैं, जिसके कारण ही वे आज भी कथा सम्राट बने हुए हैं. डॉ आशुतोष ने कहा कि मौजूदा कहानी अपने समय के सभी विद्रूपों से मुठभेड़ कर रही है. कहानी प्रेमचंद के युग की कहानी से आगे निकल आयी है तथा नयी कहानियों को भी पढ़ा जाना चाहिए. साहित्यकार उदय प्रताप हयात ने कहानी की यात्रा और उसके विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला. आयोजन में संस्थान के हरिवल्लभ सिंह ‘आरसी’ ने समाज की वर्तमान दुरवस्था पर चिंता प्रकट की. संगोष्ठी में आनंदबाला शर्मा, राजदेव सिन्हा, अरुण कुमार अरुणेंदु, उमा सिंह, अशोक शुभदर्शी, बसंत जी आदि भी उपस्थित थे.

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