रोजा जुमा से, ईद 18 जुलाई को संभव
जमशेदपुर: माह-ए-शाबान इसलामिक वर्ष का आठवां माह है,जो चंद घंटों में विदा हो रहा है और अरबी माह रमजान की आमद की तैयारी की जा रही है. नगर में भी रमाजनुल मुबारक और इस महीने में पढ़ी जानेवाली नमाज-ए-तरावीह, इफ्तार व सेहरी और इससे जुड़ी दूसरी इबादतें बरकत व रहमत गुनाहों से निजात के अहकमात […]
जमशेदपुर: माह-ए-शाबान इसलामिक वर्ष का आठवां माह है,जो चंद घंटों में विदा हो रहा है और अरबी माह रमजान की आमद की तैयारी की जा रही है. नगर में भी रमाजनुल मुबारक और इस महीने में पढ़ी जानेवाली नमाज-ए-तरावीह, इफ्तार व सेहरी और इससे जुड़ी दूसरी इबादतें बरकत व रहमत गुनाहों से निजात के अहकमात (उपदेश आदि से संबंधित सारी तैयारियां) अंतिम चरण में है, लेकिन सब कुछ चांद पर निर्भर है. चांद आमतौर से 29 या फिर 30 का होता है.
यदि शाबान (शब-ए-बारात) का चांद 30 का हो तो माह ए रमजान 29 को चांद के अनुसार होता है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो 18 जुलाई यानी जुमा के दिन ईद की खुशियां मनायी जायेंगी. माह- ए- रमजान को तीन भागों में बांटा गया है. पहले दस दिन का रोजा रहमत का, दूसरा अशरा अर्थात् मगफिरत का और तीसरा निजात का माना जाता है.
सउदी अरब में मंगलवार को चांद नहीं दिखा. इससे साफ हो गया कि बुधवार को सउदी अरब में तरावीह पढ़ी जायेगी. इसी तरह हिंदुस्तान में 18 को तरावीह पढ़ी जायेगी और 19 को पहला रोजा होगा. इदारा ए शरिया, इमारत ए शरिया और मदरसा फैजूल उलूम में चांद दिखने की व्यवस्था की गयी है. रमजान की बा-बरकत व रहमत का एक माह मुसलिम समाज के लिए काफी अफजल और महत्व वाला कहलाता है.