मानव शरीर एक जैविक यंत्र : आचार्य अवधूत (फोटो : आनंदमार्ग फोल्डर)

वरीय संवाददाता, जमशेदपुरआचार्य परमानंद अवधूत ने कहा कि मानव शरीर एक जैविक यंत्र है. यह 10 इंद्री, 50 वृत्तियों व 10 ग्रंथियों से संचालित होता है. परमात्मा की प्राप्ति के लिए मानव देह यंत्र आवश्यक है. वहीं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगासन, प्रत्याहार, धारण एवं समाधि की आवश्यकता है. श्री अवधूत आनंद मार्ग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2015 10:04 PM

वरीय संवाददाता, जमशेदपुरआचार्य परमानंद अवधूत ने कहा कि मानव शरीर एक जैविक यंत्र है. यह 10 इंद्री, 50 वृत्तियों व 10 ग्रंथियों से संचालित होता है. परमात्मा की प्राप्ति के लिए मानव देह यंत्र आवश्यक है. वहीं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगासन, प्रत्याहार, धारण एवं समाधि की आवश्यकता है. श्री अवधूत आनंद मार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में राहरगोड़ा के गदड़ा स्थित आनंद मार्ग आश्रम में तीन दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी के पहले दिन उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे. संगोष्ठी में आचार्य महितोषानंद अवधूत, आचार्य नवरूणानंद अवधूत, आचार्य ब्रजपरानंद अवधूत, अवधूतिका आनंद देवश्री आचार्या, योगेश, सुनील आनंद, सीताराम, अरुण, पीएन राय, बीएन कुमार, रामबली सिंह, गौतम, इंदु देवी एवं अन्य लोग उपस्थित थे.आज का विषय : शनिवार को मानव जीवन में आध्यात्मिकता का महत्व विषय पर चर्चा होगी. संगोष्ठी सुबह 10.00 से दोपहर 12.00 और अपराह्न 3.00 से शाम 5.00 बजे तक दो सत्र में संचालित होगी.आनंदमार्गियों ने जाना योग का रहस्य21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की आश्रम में तैयारी चल रही है. शुक्रवार को आनंदमार्गियों को आध्यात्मिक योग साधना, आसन एवं प्राणायाम के रहस्य बताये गये. आचार्य महितोषानंद अवधूत ने कहा कि जीवात्मा को परमात्मा से मिलाने की आध्यात्मिक साधना प्रक्रिया ही योग है. योग दिवस पर सुबह 6.00 बजे आश्रम में आनंदमार्ग स्कूल के विद्यार्थियों व बड़े लोगों को भी योग का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

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