भागवत बताता है स्वयं में आनंद ढूंढ़ने का मार्ग

जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में रविवार अपराह्न् आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से श्रीमद् भागवत कथा की भव्य शुरुआत हुई. इसमें बेंगलुरु से पधारे स्वामी दिव्यानंद जी ने कथा के प्रथम दिन भागवत कथा के महात्म्य के वर्णन के साथ कथा की शुरुआत की. इससे पूर्व सुबह 10 बजे बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मंदिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2015 7:37 AM
जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में रविवार अपराह्न् आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से श्रीमद् भागवत कथा की भव्य शुरुआत हुई. इसमें बेंगलुरु से पधारे स्वामी दिव्यानंद जी ने कथा के प्रथम दिन भागवत कथा के महात्म्य के वर्णन के साथ कथा की शुरुआत की.

इससे पूर्व सुबह 10 बजे बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मंदिर से कलश सह शोभा यात्रा निकाली गयी, जो विभिन्न मार्गो से होते हुए माइकल जॉन ऑडिटोरियम पहुंची. शोभायात्र में भारी संख्या में महिलाओं ने शिरकत की. माइकल जॉन ऑडिटोरियम पहुंचने पर स्वामी दिव्यानंद जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया और कलश की विधिवत स्थापना की.

इसके बाद अपराह्न् 3:30 बजे से भागवत कथा यज्ञ की विधिवत शुरुआत हुई. स्वामी जी ने सर्व प्रथम ब्यास पूजन कर कथा आरंभ की. उन्होंने श्रद्धालुओं को भागवत कथा के महत्व की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सद्गुरु के पास स्वार्थ के साथ नहीं, बल्कि नि:स्वार्थ होकर जाना चाहिए. हम जीवन में सुख के पीछे भागते हैं, लेकिन सुख के साथ दुख भी जुड़ा हुआ है. हम आनंद से सुखी हो सकते हैं, परमात्मा का स्वरूप है सच्चिदानंद. हमारे अंदर सत्य दिखता है, चित्त ज्ञान स्वरूप में दिखाई देता है, किन्तु आनंद नहीं दिखता. श्रीमद् भागवत हमें स्वयं में आनंद को प्रकट करने की सीख देता है. कथा में आरएसबी ग्रुप के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एसके बेहरा मुख्य अतिथि थे. कथा में आर्ट ऑफ लिविंग के चार सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने शिरकत की.

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