संवाददाता, जमशेदपुर जुगसलाई शिव घाट और रिवर व्यू कॉलोनी के बीच में स्लुइस गेट का निर्माण कार्य दो साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया. लगभग तीन करोड़ की लागत से वर्ष 2013-14 में स्लुइस गेट का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. सिंचाई विभाग (स्वर्णरेखा कैनाल डिवीजन जमशेदपुर) की ओर से बनाये गये स्लुइस गेट के तीन में से दो गेट वर्तमान में बंद हैं. गेट चौड़ा नहीं होने और आरसीसी गार्डवाल का निर्माण नहीं कराने से स्लुइस गेट की उपयोगिता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. दो गेट बंद होने और एक गेट खुला होने से पानी धीरे- धीरे निकलता है. बारिश होते ही मुहाने पर पानी का जमाव हो जाता है. जिससे आसपास की बस्तियों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जाता है. स्वर्णरेखा और खरकई नदी में शहर के 28 नाले गिरते हैं. इन्हीं नालों से होकर बाढ़ का पानी नदी के तटीय इलाकों में प्रवेश करता है. स्लुइस गेट का निर्माण पूरा नहीं होने से खरकई नदी का जलस्तर बढ़ते ही बागबेड़ा नया बस्ती, बड़ौदा घाट, सिदो- कान्हो बस्ती, गणेश नगर, शिव बस्ती में बाढ़ का खतरा बना रहता है. शहर में बारिश शुरू होने से बागबेड़ा नया बस्ती के लोग एक बार फिर संभावित बाढ़ की आशंका जताने लगे हैं. शहर में बारिश होने से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है.
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बस्तियों में बना रहता है बाढ़ का खतरा (फोटो ऋषि-7)
संवाददाता, जमशेदपुर जुगसलाई शिव घाट और रिवर व्यू कॉलोनी के बीच में स्लुइस गेट का निर्माण कार्य दो साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया. लगभग तीन करोड़ की लागत से वर्ष 2013-14 में स्लुइस गेट का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. सिंचाई विभाग (स्वर्णरेखा कैनाल डिवीजन जमशेदपुर) की ओर से बनाये गये स्लुइस […]
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