बारीडीह में प्राकृतिक धर्म का तीन दिवसीय प्रवचन शुरू

भगवान भाव के भूखे हैं, धन के नहींलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर प्राकृतिक धर्म की ओर से बारीडीह में मंगलवार को भगवान की पूजा-अर्चना के साथ तीन दिवसीय प्रवचन आरंभ हुआ. प्रथम दिन धर्म प्रचारक सत्यार्थ प्रकाश ने प्रवचन में शामिल लोगों को बताया कि मनुष्य को भगवान की भक्ति यथा शक्ति निष्काम भावना के साथ करनी चाहिए. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2015 10:06 PM

भगवान भाव के भूखे हैं, धन के नहींलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर प्राकृतिक धर्म की ओर से बारीडीह में मंगलवार को भगवान की पूजा-अर्चना के साथ तीन दिवसीय प्रवचन आरंभ हुआ. प्रथम दिन धर्म प्रचारक सत्यार्थ प्रकाश ने प्रवचन में शामिल लोगों को बताया कि मनुष्य को भगवान की भक्ति यथा शक्ति निष्काम भावना के साथ करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम लोग दिखावा एवं अपने ऐश्वर्य के प्रदर्शन के लिए धन एवं सामग्रियां आदि भगवान को समर्पित करते हैं. भगवान का दर्शन करें, उनके आगे प्रदर्शन नहीं करें. दुनिया के दाता का दिया हुआ उसे ही देना कैसी महानता है? जरूरतमंद पीडि़तों को धन-सामग्री आदि देकर दान-पुण्य करें, उनकी आत्मा से निकला आशीर्वाद आपके जीवन की कामना पूरी करेगा. उन्होेंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. उन्होंने बताया कि भगवान भाव के भूखे होते हैं, धन के नहीं. भगवान को आपके धन की आवश्यकता नहीं है. प्रवचन में भारी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित हुए. आयोजन में सच्चिदानंद सिंह, रोशन सिंह, अमृत कुमार, मुकेश झा आदि का योगदान रहा.

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