इस मौसम में थ्रोट इनफेक्शन का रहता है खतरा
डॉ अजय गुप्ताइएनटी स्पेशलिस्टबरसात में बैटक्टीरियल व वायरल बीमारियां होने की काफी संभावनायें रहती हैं. थ्रोट इनफेक्शन की बीमारी भी इसी कारण से होती. यह खाद्य पदार्थों के द्वारा या फिर हवा के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाये तो यह बीमारी हो सकती है. इस बीमारी के होने से देखा गया है कि मरीज […]
डॉ अजय गुप्ताइएनटी स्पेशलिस्टबरसात में बैटक्टीरियल व वायरल बीमारियां होने की काफी संभावनायें रहती हैं. थ्रोट इनफेक्शन की बीमारी भी इसी कारण से होती. यह खाद्य पदार्थों के द्वारा या फिर हवा के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाये तो यह बीमारी हो सकती है. इस बीमारी के होने से देखा गया है कि मरीज को शुरुआती दिनों में गले में खराश, गले में कांटा जैसी चुभन का एहसास, गले में दर्द, बीमारी बढ़ जाये तो दर्द का कान की ओर भी बढ़ सकता है. शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. यह बीमारी बच्चों में एलर्जिक कारणों से भी हो सकती है. ऐसे में बच्चों को जिस खाद्य पदार्थ या वस्तु से एलर्जी है, उससे दूर रहना चाहिए. वहीं बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि जिन व्यक्तियों को जिस खाद्य पदार्थ से एलर्जी है उससे दूर रहना चाहिए, इस मौसम में सावधान रहना चाहिए, ठंडे खाद्य पदार्थ व ऑयली व स्पाइसी के साथ बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए. बीमारी : थ्रोट इनफेक्शन. लक्षण : शुरुआती दिनों में गले में खराश, गले में कांटा जैसी चुभन, दर्द, दर्द का कान की ओर बढ़ना. बचाव : एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें, मौसम बदले तो सावधान रहें, ठंडे, ऑयली व स्पाइसी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें.