कलियुग में कथा श्रवण ही आधार : कन्हैया दास (फोटो दुबे जी की होगी)

जमशेदपुर. कथा श्रवण करने से जीवन की सारी व्यथा स्वत: समाप्त हो जाती है तथा भगवान के चरणों में मन रम जाता है. उक्त बातें ईस्टप्लांट बस्ती सूर्य मंदिर परिसर में चल रहे श्री राम यज्ञ के दौरान अयोध्या से पधारे स्वामी कन्हैया दास ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि नाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 12:07 AM

जमशेदपुर. कथा श्रवण करने से जीवन की सारी व्यथा स्वत: समाप्त हो जाती है तथा भगवान के चरणों में मन रम जाता है. उक्त बातें ईस्टप्लांट बस्ती सूर्य मंदिर परिसर में चल रहे श्री राम यज्ञ के दौरान अयोध्या से पधारे स्वामी कन्हैया दास ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि नाना उपाय करने के बाद भी न तो मन शांत होता है, न आध्यात्मिक ही हो पाता है. महर्षियों ने हजारों उपाय किये लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन भागवत कथा का श्रवण करते समय वह अपने आप शांत हो जाता है. इससे सिद्ध होता है कि दुनिया की सारी साधनाएं कथा के सामने छोटी पड़ जाती हैं. इसीलिए गोस्वामी तुलसी दास जी ने मानस में कहा ‘कलियुग योग यज्ञ नहीं ज्ञाना। / एक आधार राम गुन गाना।।’

Next Article

Exit mobile version