इसकी जांच में पाया गया कि टेंडर के लिए एक शर्त यह भी थी कि जिस कंपनी के खिलाफ विजिलेंस या सीबीआइ की जांच चल रही हो, उसे टेंडर की मान्यता नहीं दी जायेगी. इसी आधार पर अंकुर का टेंडर रद्द किया गया. वहीं वेभ कंपनी का टेंडर इसलिए रद्द किया गया क्योंकि नमक उत्पादक कंपनी के साथ टेंडर वाली कंपनी को समझौता पत्र देना था. जबकि सिर्फ ऑथेंटिक (विश्वसनीय) पत्र सौंपा गया.
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राज्य में नमक का टेंडर होगा रद्द
जमशेदपुर: राज्य के गरीबों में नमक वितरण के लिए हुए टेंडर को राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने रद्द करने का निर्देश दिया है. वहीं नमक का टेंडर नये सिरे से पारदर्शिता के साथ करने करने की हिदायत दी है. राज्य में नमक का टेंडर विशाल केमफूड इंडस्ट्रीज को दिया गया था. ज्ञात […]
जमशेदपुर: राज्य के गरीबों में नमक वितरण के लिए हुए टेंडर को राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने रद्द करने का निर्देश दिया है. वहीं नमक का टेंडर नये सिरे से पारदर्शिता के साथ करने करने की हिदायत दी है. राज्य में नमक का टेंडर विशाल केमफूड इंडस्ट्रीज को दिया गया था. ज्ञात हो कि टेंडर की शर्त पूरा नहीं करने के कारण उत्पादक कंपनी वेभ व अंकुर का टेंडर रद्द कर दिया गया था. इसके बाद दोनों कंपनियां सरकार के खिलाफ हाइकोर्ट में चली गयी थी.
इस बीच झारखंड हाइकोर्ट ने सीबीआइ से इस मामले में रिपोर्ट तलब की. सीबीआइ ने हाइकोर्ट में लिखकर दिया कि उनके पास किसी तरह का कोई आरोप नहीं है. इसके बाद मंत्री सरयू राय ने पूरी फाइल मंगायी और फाइल में नोट्स लिखते हुए टेंडर रद्द करने की सिफारिश की. वहीं नये सिरे से पारदर्शी तरीके से टेंडर कराया जाये. इसके अलावा यह लिखा है कि सचिव को टेंडर कमेटी से अलग रखा जाये और जरूरत पड़े तो स्टेट फूड कॉरपोरेशन (एसएफसी) के माध्यम से टेंडर कराया जाये. या फिर निदेशालय के लिए फाइल बढ़ी है, जिसका इंतजार किया जाना चाहिए.
टेंडर समाप्त करने के लिए झारखंड हाइकोर्ट से इजाजत मांगी गयी है. वर्तमान में टेंडर को लेकर यथास्थिति है. हाइकोर्ट के इजाजत मिलने के बाद इसका टेंडर बहुत जल्द समाप्त कर दिया जायेगा.
-विनय चौबे, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग
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