संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर : गलवान घाटी में चीन द्वारा भारत के साथ किये गये बड़े विश्वासघात के बाद आदित्यपुर आैद्याेगिक क्षेत्र की 500 से अधिक कंपनियों के मालिकाें ने फैसला लिया है कि वे चीन से अब कोई सामान नहीं मंगायेंगे. इससे चीन को 400 कराेड़ से अधिक का झटका लगेगा. झारखंड के सबसे बड़े आैद्याेगिक क्षेत्र आदित्यपुर-गम्हरिया के उद्यमियाें के प्रमुख संगठन आदित्यपुर स्मॉल स्केल इंड्रस्ट्रीज (एसिया) ने फैसला किया है कि अब उनकी किसी भी कंपनी-प्लांट में चीन निर्मित काेई भी मशीन नहीं मंगायी जायेगी.
गौरतलब है कि आदित्यपुर स्मॉल स्केल इंड्रस्ट्रीज की 500 से अधिक कंपनियां अपनी कंपनी-प्लांट के लिए सीधे चीन से मशीनें मंगाती हैं. एसिया में मशीन से जुड़े हुए हर माह 8-10 और साल भर में 100 से अधिक अॉर्डर चीन काे दिये जाते हैं. यह अॉर्डर 20 लाख से लेकर 10 कराेड़ तक के हाेते हैं. एसिया ने तय किया है कि भले ही माल महंगा लगे, लेकिन वे चीन की बजाय किसी भी दूसरे देश से इसे मंगवा सकते हैं.
एसिया ने बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी काे पत्र भेजने का फैसला किया है, जिसमें यह मांग की जायेगी कि देश के व्यापारी यदि चीन के माल का बहिष्कार करते हैं, ताे उनकी जरूरताें का सामान जाे देश के अन्य व्यापारियाें के पास उपलब्ध है, उनकी कीमताें में किसी तरह की वृद्धि-मुनाफाखाेरी नहीं करें. अमूमन यह देखने काे मिलता है कि सामान की किल्लत हाेते ही उसका दाम बढ़ा दिया जाता है.
-
चीन को 400 कराेड़ का झटका देने की तैयारी
-
आदित्यपुर स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज की बैठक में लिया गया फैसला
-
महंगा ही सही, लेकिन ताइवान, काेरिया या अपने देश की मशीनें लायेंगे
चीनी उत्पादों के बहिष्कार के प्रति जनता को जागरूक करने, स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के विषय पर हम भविष्य में चर्चा करेंगे. भारत को भी अपनी नीति बदलनी होगी. भारत को भी अब प्रौद्योगिकी क्रांति और उससे बनने वाले अवसरों पर ज्यादा ध्यान देकर काम करने की जरूरत है. भारतीयों को अपनी उपभोक्ता आदतें भी बदलनी होंगी.
– इंदर अग्रवाल, अध्यक्ष, आदित्यपुर स्मॉल स्केल इंड्रस्ट्रीज
चीन की करतूत की हुई निंदा : एसिया भवन में पिछले दिनाें आयाेजित बैठक में गलवान की घटना काे लेकर सभी ने चीन के चालबाजी की कड़े शब्दाें में निंदा की. उद्यमियाें ने स्वीकार किया कि व्यापारी वर्ग कुछ कम पैसे में चीन का माल मंगा ताे लेता है, लेकिन वह जिंदगी भर राेता रहता है. चीन से थाेड़ा महंगा ताइवान-काेरिया का माल है. जरूरत पड़ी ताे वहां से मंगायेंगे या फिर अपने स्वदेशी तैयार करेंगे. आदित्यपुर के कई प्लांटाें में लगी चीनी कंपनियाें की मशीनें खराब हाे गयी हैं, उनके पार्ट्स बदलने में लाखाें का खर्च हाे रहे हैं.
Posted by : Pritish Sahay