नवमी को ही रावण दहन
जमशेदपुर: इस वर्ष पर्वो की कई तिथियों में मतभेद हैं. श्रद्ध पक्ष जहां पूरे 16 दिनों का है, वहीं नवरात्र भी नौ दिनों का है, लेकिन पहले नवरात्र से विजयदशमी तक के 10 दिन इस बार नहीं हैं. नवमी को ही विजयदशमी का आयोजन होगा. इस बार नवरात्र का शुभारंभ पांच अक्तूबर को होगा. प्रतिदिन […]
जमशेदपुर: इस वर्ष पर्वो की कई तिथियों में मतभेद हैं. श्रद्ध पक्ष जहां पूरे 16 दिनों का है, वहीं नवरात्र भी नौ दिनों का है, लेकिन पहले नवरात्र से विजयदशमी तक के 10 दिन इस बार नहीं हैं. नवमी को ही विजयदशमी का आयोजन होगा. इस बार नवरात्र का शुभारंभ पांच अक्तूबर को होगा. प्रतिदिन एक नवरात्र मनाया जायेगा. 12 अक्तूबर को नवरात्र का आठवां दिन होगा और उसी दिन महानवमी भी पड़ेगी. दुर्गाष्टमी को अष्टमी तिथि संध्या 6 बजकर 26 मिनट तक ही रहेगी. उसके बाद महानवमी तिथि शुरू हो जायेगी.
कई श्रद्धालु इस महानवमी को भी श्रीराम का जन्म दिवस मनाते हैं, परंतु श्रीराम का जन्मोत्सव चैत के नवरात्रों में पड़ता है. जो लोग इस नवरात्रा में भी रामनवमी मनाते हैं, उन्हें दुर्गाष्टमी के दिन ही नवमी का पर्व मनाना होगा. नवमी तिथि रविवार 13 अक्तूबर को दोपहर बाद 1 बजकर 18 मिनट तक विद्यमान रहेगी.
इसके बाद दशमी तिथि प्रारंभ हो जायेगी. श्रीरामजी का पायता (गोबर से अनुकृति बनाकर पूजन) दशमी तिथि में मनाया जाता है. उसी शाम रावण आदि के पुतलों का भी दहन होता है. परिणाम स्वरूप नवरात्र की नवमी 13 अक्तूबर को सवेरे मनायी जायेगी. नवमी की शाम को ही विजयदशमी का पर्व मनाया जायेगा, जबकि दशमी तिथि सोमवार 14 अक्तूबर को भी पूर्वाह्न् 11 बजकर 16 मिनट तक विद्यमान है, किंतु उसी दिन शाम 4 बजकर 26 मिनट पर पंचक प्रारंभ हो रहे हैं.