जमशेदपुरः विश्व बैंक के सहयोग से झारखंड के चयनित जिलों में जलापूर्ति परियोजनाओं में पर्यावरण आकलन एवं पर्यावरण प्रबंधन की रूपरेखा अध्ययन पर कार्यशाला आयोजित किया गया.
कार्यशला में डैस इंडिया द्वारा सैंपल विलेज के रूप में किये गये सर्वे के आधार पर बताया गया कि राज्य की 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी अब भी खुले मंे शौच करती है, हालांकि पूर्वी सिंहभूम जिले में इसका प्रतिशत कम बताया गया. ग्रामीण आबादी चाहती है कि उनके निवास के समीप ही शौचालय हो, इसके लिए वे एक हजार से 15 सौ रुपये खर्च करने की क्षमता रखते हैं. कार्यशाला का शुभारंभ उप विकास आयुक्त ददन चौबे ने किया. डैस इंडिया के प्रतिनिधि द्वारा सैंपल विलेज के रूप मंे किये गये सर्वे से मिली जानकारी को बड़े स्क्रीन पर उपस्थित लोगों के बीच प्रदर्शित किया गया और सुझाव लिए गये. सुझाव को दर्ज कर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जायेगी.कार्यशाला में बताया गया कि निर्मल भारत अभियान के तहत संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जलापूर्ति एवं सेनीटेशन की जिस स्कीम पर काम कर रहे हैं उसमें पर्यावरण का आकलन एवं प्रबंधन करना है.