बाग ए आयशा में 500 महिलाओं ने अकीदत पेश की
जमशेदपुर. 17 रमजान पूरे उम्मते मुसलिमा के लिए मुबारक था, क्योंकि आज हजरते आएशा सिद्दिका रजीअल्लाहो अन्हा का विसात हुआ था. हजरते आएशा सिद्दिका रजीअल्लाहो अन्हा हुजुर अलैहिस्सलाम की आखिरी बीवी थी और हजरते अबु बक्र रजीअल्लाहो सिद्दिक अन्हा की बेटी थी. मदरसा बाग ए आएशा उन्हीं नाम पाक से मंसूब है. आज के दिन […]
जमशेदपुर. 17 रमजान पूरे उम्मते मुसलिमा के लिए मुबारक था, क्योंकि आज हजरते आएशा सिद्दिका रजीअल्लाहो अन्हा का विसात हुआ था. हजरते आएशा सिद्दिका रजीअल्लाहो अन्हा हुजुर अलैहिस्सलाम की आखिरी बीवी थी और हजरते अबु बक्र रजीअल्लाहो सिद्दिक अन्हा की बेटी थी. मदरसा बाग ए आएशा उन्हीं नाम पाक से मंसूब है. आज के दिन की एक और फजीलत है. आज के दिन जंग ए बद्र की शुरूआत हुई थी. उसी मुबारक दिन में मदरसा में उम्मुल मोमेनीन और शोहदाए बद्र के बारगाह में खिराजे अकीदत पेश किया गया, जिसमें 5 सौ महिलाएं शामिल हुईं. दुआ के बाद सलातो सलाम से कार्यक्रम समाप्त हुआ.