निजी स्कूलों में होगा सिटी बस का परिचालन
जमशेदपुर: स्कूली वाहन चालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों में सिटी बस परिचालन का निर्णय लिया है. फस्र्ट फेज में इच्छुक निजी स्कूलों को 50 बसें दी जायेगी. बस की संख्या स्कूल प्रबंधन की इच्छा पर निर्भर करेगा. हालांकि स्कूल में सिटी बस परिचालन की कोई बाध्यता नहीं […]
जमशेदपुर: स्कूली वाहन चालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों में सिटी बस परिचालन का निर्णय लिया है. फस्र्ट फेज में इच्छुक निजी स्कूलों को 50 बसें दी जायेगी. बस की संख्या स्कूल प्रबंधन की इच्छा पर निर्भर करेगा. हालांकि स्कूल में सिटी बस परिचालन की कोई बाध्यता नहीं है. निजी स्कूलों को सिटी बसें नि:शुल्क दी जायेंगी.
किस स्कूल को कितनी बसें चाहिए, इसके लिए सोमवार तक का समय दिया गया है. निजी स्कूलों को सोमवार दोपहर एक बजे तक डीएसइ कार्यालय में लिखित आवेदन देना होगा. उक्त निर्णय जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में मंगलवार को जिला प्रशासन की ओर से आयोजित बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता डीइओ मुकेश कुमार सिन्हा ने की. इसमें डीएसइ, डीटीओ, ट्रैफिक डीएसपी, जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी और एमएनएसी के विशेष पदाधिकारी शामिल हुए.
बच्चों की सुरक्षा स्कूल प्रबंधन की जिम्मेवारी
बैठक में डीइओ मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है. इसी वजह से इस तरह की पहल की जा रही है. उन्होंने कहा कि बच्चे की सुरक्षा को इनश्योर करना भी स्कूल प्रबंधन की जिम्मेवारी है.
ऑटो और वैन चालकों की होगी जांच डीटीओ ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जायेगा. भले स्कूल ऑटो और वैन चालक बच्चे को ढ़ो रहे हैं, लेकिन जब कभी भी ओवरलोड दिखेगी, समय-समय पर कार्रवाई होगी.
चेकिंग कर फाइन लिया जायेगा. छुट्टी के वक्त नो इंट्री का सख्ती से हो पालन
बैठक में संत मेरीज इंगलिश स्कूल के प्रिंसिपल फादर डेविड विन्सेंट ने कहा कि शहर काफी खूबसूरत है. दोपहर में स्कूलों की छुट्टी के दौरान साकची गोलचक्कर और बिष्टुपुर गोलचक्कर पर हर दिन जाम लगता है. कई भारी वाहन इस समय में प्रवेश कर जाते हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार को साकची में एक साथ 7 पेट्रोलियम टैंकर ने प्रवेश किया और उसी समय छुट्टी हुई थी, जिससे यातायात व्यवस्था ठप हो गयी थी. 1 से 2 बजे के दौरान नो इंट्री का सख्ती से पालन करने को कहा गया, जिस पर सहमति बनी.