जमशेदपुर. रेलवे लोको कॉलोनी स्थित राम मंदिर में स्थापित मूर्तियों को हटाने के साथ ही बुधवार को मंदिर के जीर्णोद्धार का काम आरंभ हो गया. प्रात: नौ बजे से पंडित उमा महेश्वर शर्मा के नेतृत्व में सात सदस्यीय पुजारियों के दल ने प्रायश्चित्त पूजा की. इसके बाद मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की आराधना की गयी.
अब देवी-देवताओं के प्रतीक कलशों की होगी पूजा : राम मंदिर में दो दिनों तक चले अनुष्ठान के बाद मंदिर में स्थापित राम, लक्ष्मण व सीता के अलावा अन्य देवी-देवाताओं की मूर्तियों को हटाने से पहले उन देवी-देवताओं को मंत्र जाप के जरिये अलग-अलग कलशों में समाहित किया गया. मंदिर के पुजारी उमा महेश्वर शर्मा के अनुसार जब तक मंदिर के जीर्णोद्धार का काम चलेगा, तब तक मंदिर में इन्हीं कलशों को देवी-देवताओं का प्रतीक मान कर उनकी पूजा- अर्चना की जायेगी.
ललिता देवी ने भक्तों के छुड़ाये पसीने
कुछ साल पहले जिस ललिता देवी की मूर्ति स्थापित करने में कोई कठिनाई नहीं हुई थी. बुधवार को उसी मूर्ति को हटाने में मंदिर कमेटी के सदस्यों के पसीने छूट गये, मानो ललिता देवी वहां से हटने को तैयार ही न हों. प्रतिमाओं को मंदिर से बाहर निकालने में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष बी केशव राव, महासचिव जी लक्ष्मण राव, कोषाध्यक्ष वी केशव रेड्डी, सदस्य जी श्रीनिवास राव, वाई साईं, सीएच डिल्लेश्वर राव, एस कुमार राव, एस भास्कर राव, रामा राव, एन चलपति, एम रामकृष्णा, एम केशव, एम विवेक, ए लोकेश, ए भोला, वाई साईं, एम राजा, तारकेश्वर (तार्की), सुनील पंडा, सीएच मधु आदि ने योगदान किया.