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सर्दी-खांसी को न करें नजरअंदाज, साइनोसाइटिस का खतरा

नोट- फोटो है.डॉ प्रीतिकांत साहूइएनटी रेसिडेंट डॉक्टरनाक के अंदरूनी हिस्से की हड्डी में यदि हवा रह जाती है, तो उसे साइनोसाइटिस कहा जाता है. साइनोसाइटिस कई प्रकार के होते हैं. इनफेक्शन होने के कारण, एलर्जी के कारण, नाक की हड्डी में जन्मजात गड़बड़ी के कारण, सूजन के कारण व सर्दी-जुकाम के कारण. जरूरी है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2015 7:07 PM

नोट- फोटो है.डॉ प्रीतिकांत साहूइएनटी रेसिडेंट डॉक्टरनाक के अंदरूनी हिस्से की हड्डी में यदि हवा रह जाती है, तो उसे साइनोसाइटिस कहा जाता है. साइनोसाइटिस कई प्रकार के होते हैं. इनफेक्शन होने के कारण, एलर्जी के कारण, नाक की हड्डी में जन्मजात गड़बड़ी के कारण, सूजन के कारण व सर्दी-जुकाम के कारण. जरूरी है कि बीमारी को नजरअंदाज न कर डॉक्टरी सलाह ली जाये. बीमारी के होने से देखा गया है कि मरीज को सर्दी-खांसी का न छूटना, नाक का जाम रहना, नाक से पानी निकलना, हेडेक, नाक से बदबू का आना जैसी परेशानी होती है. सामान्य तौर पर इसी प्रकार के लक्षण दिखायी देते हैं. शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिये. वहीं, बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि साधारण सर्दी-खांसी हो, तो डॉक्टरी सलाह ली जाये. बिना डॉक्टरी सलाह के दवाई का सेवन न करें. बीमारी को नजरअंदाज न करें.बीमारी : साइनोसाइटिस. लक्षण : मरीज को सर्दी खांसी का न छूटना, नाक का जाम रहना, नाक से पानी निकलना, हेडेक व नाक से बदबू का आना. बचाव : साधारण सर्दी-खांसी हो तो डॉक्टरी सलाह लेंे, बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का सेवन न करें, बीमारी को नजरअंदाज न करें.

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