आधुनिक निर्माण कला की मिसाल एकरा मसजिद
जमशेदपुर: कदमा स्थित न्यू रानीकुदर की एकरा मसजिद के निर्माण में आधुनिक शिल्प कला का इस्तेमाल हुआ है. इसकी संग ए बुनियाद वर्ष 2006 में रखी गयी थी. सभी सुविधाओं से परिपूर्ण इस मसजिद में नियमित रूप से पंचगणा नमाज पढ़ी जाती है. कुरान-ए-पाक का शब्द ‘एकरा’ (पढ़) के नाम पर इस मसजिद का नाम […]
जमशेदपुर: कदमा स्थित न्यू रानीकुदर की एकरा मसजिद के निर्माण में आधुनिक शिल्प कला का इस्तेमाल हुआ है. इसकी संग ए बुनियाद वर्ष 2006 में रखी गयी थी. सभी सुविधाओं से परिपूर्ण इस मसजिद में नियमित रूप से पंचगणा नमाज पढ़ी जाती है. कुरान-ए-पाक का शब्द ‘एकरा’ (पढ़) के नाम पर इस मसजिद का नाम रखा गया है.
जुमे को यहां 500 से अधिक लोग एक साथ नमाज पढ़ते हैं. महानगर की मसजिदों की तर्ज पर इस मसजिद के अंदर के हिस्सों की सजावट की गयी है. वजू एवं शौच के लिए मसजिद में अलग से व्यवस्था है. जब यहां मसजिद का निर्माण नहीं हुआ था तो लोगों के घर के बरामदे में सामूहिक नमाज अदा की जाती थी. बाद में 20 गुणा 40 का एक प्लॉट खरीदा गया. जिस पर इस मसजिद का निर्माण कराया गया.
30 फीट ऊंचे गुंबद निर्माण का प्रस्ताव
एकरा मसजिद के अध्यक्ष मोहम्मद हनीफ बादशाह ने बताया कि पिछले माह ही इस मसजिद का नामाकरण एकरा मसजिद के रूप में किया गया है. मसजिद में एसी लगाये गये हैं. 30 फीट ऊंचे गुंबद निर्माण का प्रस्ताव मसजिद कमेटी के पास विचाराधीन है. मसजिद में एक साथ 15 लोग वजू कर सकते हैं.
सबकी दुआएं कबूल करते हैं अल्लाह
मौलाना मोहम्मद शमशुद्दीन रजा फैजी ने कहा कि मंगलवार को माह- ए- रमजान में मसजिदों में पढ़ी जाने वाली कुरान खत्म हो रही है. इसके बाद तीन दिन तक सुरा तरावीर होगी. ताक रात को शब-ए-कद्र के रूप में जाना जाता है. अल्लाह तबारत ताअला ने इरशाद फरमाया कि जिसने शब बेदारी (रात जागकर) इबादत की, अल्लाह ने उसकी इबादत को कबूल फरमाया है, जिसने अपने गुनाहों से माफी मांगी अल्लाह उसके गुनाहों को माफ कर देते हैं. इस रात की इबादत हजार रातों की इबादत से अफजल और अहम है. अल्लाह आसमानी दुनिया पर जलवागर होता है और ऐलान फरमाता है की परेशानियों का हल (समाधान) मांगने वालों को निजात दिलाता है. इस रात बीमारियों से शिफा मांगने वालों को अल्लाह शिफा देता है. नमाज ए फजिर तक अल्लाह सबकी दुआएं कबूल कर लेते हैं.
-खतीब वे पेश- ए- इमाम