650 सुरक्षाकर्मियों की सदस्यता पर तलवार

जमशेदपुर: टाटा स्टील के सुरक्षाकर्मियों को टाटा वर्कर्स यूनियन की सदस्यता को लेकर श्रमायुक्त के पास लंबित मामले में सुनवाई के लिए सोमवार को यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महासचिव बीके डिंडा समेत कई पदाधिकारी रांची पहुंचे. वहीं, सिक्यूरिटी के पक्ष में पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय समेत कई कमेटी मेंबर भी वहां शामिल हुए. शिकायतकर्ता सीताराम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2013 9:14 AM

जमशेदपुर: टाटा स्टील के सुरक्षाकर्मियों को टाटा वर्कर्स यूनियन की सदस्यता को लेकर श्रमायुक्त के पास लंबित मामले में सुनवाई के लिए सोमवार को यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महासचिव बीके डिंडा समेत कई पदाधिकारी रांची पहुंचे.

वहीं, सिक्यूरिटी के पक्ष में पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय समेत कई कमेटी मेंबर भी वहां शामिल हुए. शिकायतकर्ता सीताराम कुमार भी मौजूद थे. इसके अलावा कई सिक्यूरिटी के कर्मचारी और कमेटी मेंबर भी शामिल हुए. लेकिन सोमवार को श्रमायुक्त पूजा सिंघल मौजूद नहीं थीं. श्रमायुक्त की गैर मौजूदगी में नयी तिथि 21 अक्तूबर निर्धारित की गयी है. 21 अक्तूबर को हालांकि, यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने नहीं रह पाने की बात कही है, जिसके बाद नयी तिथि घोषित हो सकती है. दूसरी ओर, इस पूरे प्रकरण से करीब 650 सिक्यूरिटी कर्मचारी के यूनियन के सदस्य होने पर संकट गहरा गया है. इसको लेकर सुरक्षाकर्मियों में नाराजगी भी देखी जा रही है.

सिक्यूरिटी यूनियन का अभिन्न अंग : टुन्नु
टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु ने कहा कि सिक्यूरिटी यूनियन का अभिन्न अंग है. वे लोग यूनियन से अलग नहीं हो सकते हैं. वैसे भी इस तरह की परिपाटी को किसी भी हाल में समर्थन नहीं किया जा सकता है. अगर किसी से लड़ाई हो तो पूरे कर्मचारियों का अहित कर लड़ाई जीती नहीं जा सकती है. सिक्यूरिटी के पक्ष में मैं खुद हूं.

यूनियन पदाधिकारियों की भूमिका पर सवाल
सुरक्षाकर्मी की सदस्यता को लेकर यूनियन पदाधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है. यूनियन के अध्यक्ष के अलावा महासचिव बीके डिंडा, सहायक सचिव आरके सिंह, सतीश सिंह, भगवान सिंह के अलावा कोषाध्यक्ष आर रवि प्रसाद और उपाध्यक्ष शहनवाज आलम भी सुनवाई में शामिल होने के लिए रांची गये थे. अगर यूनियन की सदस्यता से सिक्यूरिटी बाहर हो जाते है तो यूनियन कमजोर हो जायेगी. ऐसे में सवाल यह भी उठाये जा रहे हैं कि यूनियन के पदाधिकारी क्या यूनियन को ही कमजोर करने के लिए रांची की दौड़ लगा रहे है. हालांकि, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु, उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा, सुबोध श्रीवास्तव और अरविंद प्रसाद सुनवाई में शामिल होने नहीं गये थे.

यूनियन पदाधिकारी अपनी भूमिका स्पष्ट करें : कमेटी मेंबर
सिक्यूरिटी के कमेटी मेंबर टीएन ठाकुर ने कहा है कि यूनियन पदाधिकारियों को भी अपनी भूमिका स्पष्ट करें कि वे क्या चाहते हैं. यूनियन के इतने पदाधिकारी सुनवाई में जाकर शिकायतकर्ता के साथ घूम रहे हैं. क्या यूनियन पदाधिकारी भी सिक्यूरिटी का विरोध कर रहे हैं.

सिक्यूरिटी यूनियन के सदस्य : डिंडा
सिक्यूरिटी के कर्मचारी पिछले कई वर्षो से यूनियन के सदस्य है. हम लोगों का संविधान कहता है कि कोई भी कर्मचारी सदस्य हो सकते हैं. ऐसे में शक की गुंजाइश नहीं बच जाता है. वैसे अब कानून को अपना काम करना है.

महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन

Next Article

Exit mobile version