जमशेदपुर: दीपाली मुमरू के गुनहगारों को एडीजे-1 सत्यप्रकाश सिन्हा की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनायी है. मंगलवार को सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दुष्कर्म के बाद हत्या को विभत्स बताते हुए उक्त फैसला सुनाया. कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनायी. जिसमें 376(2)(जी), 302 और 377 के तहत उम्रकैद तथा 10-10 हजार रुपये, फाइन नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कैद, साक्ष्य छिपाने की धारा 201 के तहत 7 साल सश्रम कैद व 10 हजार रुपये फाइन, फाइन नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सश्रम कैद की सजा सुनायी गयी. सभी सजा एक साथ चलेगी.
चेहरे पर दिखा भय
कोर्ट में दोनों दोषी ट्रक चालक बलिया निवासी लाल बहादुर उर्फ लाल बाबू सिंह तथा खलासी (भभुआ), रोहतास निवासी विजय चौहान के चेहरे पर सजा सुनाये जाने के दौरान भय दिखा. कोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद दोनों को पुलिस बाहर लेकर निकली. इस दौरान मीडिया के सवाल का जवाब किसी ने नहीं दिया.
एफएसएल के उपनिदेशक ने दी थी गवाही
इस मामले में एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) के उपनिदेशक रामाशंकर सिंह ने गवाही दी थी. उन्होंने अदालत को बताया कि दीपाली की साड़ी में मिले वीर्य और खून आरोपियों से मिलते हैं.