डिमना लेक में मछली पकड़ कर चलाते है जीविका

मछली पकड़ने में दर्जन भर गांव के सैकड़ों युवा अलग-अलग दलों में शामिलफोटो है, दिलीप 1 डिमना लेक में जाल बिछा कर मछली पकडते युवा. 2 डिमना लेक से पकड़े गये बड़ी-बड़ी मछलियां.प्रतिनिधि, पटमदाडिमना व आस-पास दर्जन भर गांव के सैकड़ों युवा इन दिनों डिमना लेक में मछली पकड़ कर अपने व परिवार का जीविका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2015 11:05 PM

मछली पकड़ने में दर्जन भर गांव के सैकड़ों युवा अलग-अलग दलों में शामिलफोटो है, दिलीप 1 डिमना लेक में जाल बिछा कर मछली पकडते युवा. 2 डिमना लेक से पकड़े गये बड़ी-बड़ी मछलियां.प्रतिनिधि, पटमदाडिमना व आस-पास दर्जन भर गांव के सैकड़ों युवा इन दिनों डिमना लेक में मछली पकड़ कर अपने व परिवार का जीविका चलाते हैं. अलग-अलग गांवों के दलों में बंटे ये युवा प्रतिदिन सुबह से शाम तक मेहनत कर अच्छी खासी रकम कमा लेते हंै. मछली पकड़ने वाले युवाओं का दल हलुदबनी, भादुडीह, कुटीमाकुली, पगदा, लायलम, पुनसा, ब्रजपुर, गेड़वा गांव के हैं. प्रत्येक दल में 40 से 50 युवा शामिल हंै. सभी दलों के पास अपना लगभग सौ मीटर लंबा जाल उपलब्ध है. इस जाल की खूबी यह है कि इसे एक बार बिछा दिये जाने पर दो से लेकर 10 से 20 किलो तक की मछलियां आसानी से फंस जाती है. युवाओं का दल डिमना लेक में एक बार जाल फेंकने पर 50 किलो तक मछली आसानी से पकड़ लेते हंै. डिमना लेक से पकड़े गये रेहू, कतला, अमिरिकन रेहू आदि मछलियों को बाजारों में बेचा जाता है.साकची व मानगो के दुकानदार खरीदते हंै जिंदा मछलियां डिमना लेक से गांव के युवाओं पकड़े जाने वाली बड़ी-बड़ी रेहू व कातला जेसे जिंदा मछलियां साकची, मानगो, कदमा व सोनारी बाजार के मछली दुकानदारों को बेचा जाता है. तीन किलो से लेकर 10 से 12 किलो तक की जिंदा मछलियां 130 व 150 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है. उस जिंदा मछलियों को दुकानदार काट कर 200 से 250 रुपये किलो के दर से लोगों के बीच बेचते हैं.

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