ह्यडिबियाह्ण के मंचन ने मन मोहा
‘डिबिया’ के मंचन ने मन मोहा फोटो-उमा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरशहर की नाट्य एवं सांस्कृतिक संस्था निशान ने नाटक ‘डिबिया’ का मंचन कर दर्शकों का मन मोहा. रविवार को साकची बाराद्वारी स्थित विश्वकर्मा भवन में इस एकल नाटक का मंचन किया गया. विजय शर्मा के निर्देशन में इस नाटक को लोगों ने खूब पसंद किया. […]
‘डिबिया’ के मंचन ने मन मोहा फोटो-उमा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरशहर की नाट्य एवं सांस्कृतिक संस्था निशान ने नाटक ‘डिबिया’ का मंचन कर दर्शकों का मन मोहा. रविवार को साकची बाराद्वारी स्थित विश्वकर्मा भवन में इस एकल नाटक का मंचन किया गया. विजय शर्मा के निर्देशन में इस नाटक को लोगों ने खूब पसंद किया. इस नाटक में पुष्पेंद्र महतो एकमात्र कलाकार थे. उसने अपने अभिनय क्षमता व दक्षता से कहानी को जीवंत कर दिया. निर्देशक विजय शर्मा ने इसकी कहानी के महत्वपूर्ण पक्ष को बहुत ही बेहतर तरीके से गढ़ा है. इसमें नकारात्मक माहौल जहां आदमी, आदमी को केवल उपभोग की वस्तु समझता है. वह केवल अपना काम निकालना चाहता है. वह विकास के खोखले वादों के बीच अपने लिए उम्मीद की किरण देखता है. आजादी के बाद जब हमें अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए था. वहां हमें ये सारी चीजें पाश्चात्य संस्कृति से मिलती रही. अपनी संस्कृति को आगे ले जाने की जद्दोजहाद और पाश्चात्य संस्कृति के इसी बढ़ते प्रभाव ने आम आदमी को अर्ध विक्षिप्त अवस्था में ला दिया. नाटक में इस विषय को काफी खुबसूरती से मंचन किया गया. कार्यक्रम का संचालन राजेश कुमार ने करते हुए कहा कि शहर के सभी सभागारों को व्यवसाय का स्रोत बना दिया है. जहां किसी भी नाट्य संस्था को नाटक करने के लिए एकमुश्त मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है, पर हमें अपनी नाट्य संस्कृति भी बचानी है, इसीलिए हम संघर्षरत है. स्वागत भाषण संस्था अध्यक्ष बबन शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन सत्यनारायण सिंह ने किया. आयोजन में मनीष पांडेय, महावीर साहू, राजू कुमार, प्रदीप रजक, शंकर शाल, सोनल शर्मा व संजीव कुमार ने योगदान दिया.