शहर के अजिताभ ने लिखी द पॉकेट लव स्टोरी (फोटो : 11 अजिताभ-1 व 2)

शहर के अजिताभ ने लिखी द पॉकेट लव स्टोरी (फोटो : 11 अजिताभ-1 व 2)सबसे छोटी प्रेम कहानी लिखने का बनाया रिकॉर्ड, इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्डस में शामिललाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरकला, लेखन व सिनेमा के क्षेत्र में शहर की प्रतिभाओं ने लौहनगरी को एक पहचान दी है. समय समय पर यहां की प्रतिभाएं राष्ट्रीय व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 9:24 PM

शहर के अजिताभ ने लिखी द पॉकेट लव स्टोरी (फोटो : 11 अजिताभ-1 व 2)सबसे छोटी प्रेम कहानी लिखने का बनाया रिकॉर्ड, इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्डस में शामिललाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरकला, लेखन व सिनेमा के क्षेत्र में शहर की प्रतिभाओं ने लौहनगरी को एक पहचान दी है. समय समय पर यहां की प्रतिभाएं राष्ट्रीय व अंरराष्ट्रीय फलक पर उभरती व अपनी प्रतिभा साबित करती रही हैं. ऐसी ही प्रतिभा के रूप में टेल्को के अजिताभ बोस ने भी अपन व शहर की पहचान बनायी है. अजिताभ ने भारत की सबसे छोटी प्रेम कहानी द पॉकेट लव स्टोरी लिख कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. क्या है द पॉकेट लव स्टोरीद पॉकेट लव स्टोरी अपने तरह की एक अनोखी किताब है, जो केवल 2.5x 4.0 आकार की है. किताब में मात्र 64 पृष्ठ हैं. इसमें कहानी अंग्रेजी में लिखी गयी है. अपने अनोखे आकार के इसे इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्डस में शामिल किया गया है. इस किताब का प्रकाशन पिछले सितंबर माह में हुआ है. इसे इस महीने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी भेजा गया है. एक सफल प्रेम कहानीद पॉकेट लव स्टोरी एक सफल प्रेम कहानी है. यह वर्तमान में युवाओं की आकांक्षाओं व उसे पाने की जद्दोजहद को दर्शाती है. अपने प्रयासों को असफल होता देख कहानी का नायक भटकाव महसूस करता है, उस समय प्रेम उसके जीवन में बदलाव लाता है. अंतत: वह अपने लक्ष्य को पाने में भी सफल रहता है. पांच पुस्तकें लिख चुके हैं अजिताभ24 वर्षीय अजिताभ ने टेल्को स्थित गुलमोहर हाइस्कूल से 12वीं के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, गाजियाबाद से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. वर्तमान में व दिल्ली स्थित बोस डॉक्यूमेंटरी लिमिटेड के निदेशक हैं. द पॉकेट लव स्टोरी अजिताभ की पांचवीं किताब है. इससे पहले वह इट्स ए लव स्टोरी, लव इस ए स्वीट प्वाइजन, जिंदगी और द अंटोल्ड स्टोरीज लिख चुके हैं. —————————आज के युवा अंग्रेजी उपन्यास पढ़ना काफी पसंद करते हैं. सामान्य उपन्यास लगभग 200 पृष्ठों के होते है, जिन्हें पढ़ने में काफी समय लगता है. ऐसे में आज की व्यस्त व भागदौड़ भरी जिंदगी में चाह कर भी व्यक्ति इन कहानियों से रू-ब-रू नहीं हो पाता. समय की कमी ने मुझे छोटी किताब लिखने को किया प्रेरित, अब मैं इसके सिकव्ल पर भी काम कर रहा हूं.अजिताभ बोस, लेखक

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