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न तोड़ा, न जोड़ा : ऊंचा हो गया घर

न तोड़ा, न जोड़ा : ऊंचा हो गया घर लिफ्टिंग विधि से घर की चार फीट ऊंचाई बढ़ाई- मानगाे के डिमना राेड सर्वाेदय पथ में हाे रहा है तकनीक का प्रयोग – अबतक तीन फीट तक ऊपर किया जा चुका है मकान को – आसपास के लोग पहुंच रहे देखने, कैसे हो रहा काम – […]

न तोड़ा, न जोड़ा : ऊंचा हो गया घर लिफ्टिंग विधि से घर की चार फीट ऊंचाई बढ़ाई- मानगाे के डिमना राेड सर्वाेदय पथ में हाे रहा है तकनीक का प्रयोग – अबतक तीन फीट तक ऊपर किया जा चुका है मकान को – आसपास के लोग पहुंच रहे देखने, कैसे हो रहा काम – चतरा के 10 मजदूर 25 दिनों में कार्य करेंगे पूरा संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर मानगाे के डिमना राेड सर्वाेदय पथ निवासी अमरनाथ का घर इन दिनाें क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा हो भी क्यों न, घर को बिना तोड़े चार फीट तक लिफ्ट (ऊपर) किया जा रहा है. 12 साल पहले बने इस मकान को नक्सल प्रभावित क्षेत्र चतरा के मात्र 10 मजदूरों ने महज 25 दिनाें में चार फीट ऊपर उठाने का बीड़ा उठाया है. पुराने घर की नींव काे खाेद कर उसमें 125 जैक लगाये गये हैं. इसके माध्यम से घर काे जमीन से ऊंचा किया जा रहा है. मिस्त्री संजय भारती ने बताया कि एक मंजिला मकान को जमीन से चार फीट लिफ्ट (ऊंचा) किया जा रहा है. अबतक मकान को तीन फीट ऊंचा किया जा चुका है. एक फीट आैर ऊंचा किया जाना है. लिफ्ट टेक्नोलॉजी से मकान का लेवल ऊंचा करने की प्रक्रिया से उसकी मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ता है. मकान तोड़कर नये सिरे से बनवाने की तुलना में यह सस्ता पड़ता है. इस कार्य में सावधानी जरूरी जैक से उठाने के कार्य को कमांड कर रहे संजय भारती ने प्रभात खबर काे बताया कि इस काम में सावधानी आैर संयम काफी जरूरी है. काेई भी जैक कम या ज्यादा उठेगा तो बैलेंस गड़बड़ायेगा. हर मिनट पर आवाज देकर प्रत्येक कॉर्नर व बीच में काम करने वाले मजदूरों को चेताया जाता है. जैक उठाने के दाैरान आपसी तालमेल काफी महत्वपूर्ण हाेता है. प्रति वर्ग फीट से लगता है चार्जअमरनाथ का करीब 780 स्कावयर फीट का मकान है. इसे 125 रुपये प्रतिवर्ग फीट के हिसाब से लिफ्ट कराया जा रहा है. इसमें एक लाख रुपये से भी कम मजदूरी लग रही है. चार-पांच मंजिला मकान भी छह फीट तक हो सकता है लिफ्टअगर मकान का नीचे का लिंटर मजबूत हो और दीवारें दो ईंट की चौड़ाई की हों, तो चार-पांच मंजिला मकान भी अधिकतम पांच-छह फीट तक शिफ्ट आैर लिफ्ट किया जा सकता है. खुले में बने मकान को लिफ्ट करने में आसानी होती है आैर खर्च भी कम आता है. अगर मकान को अन्य जगह शिफ्ट किया जाये, तो खर्च बहुत आता है. शिफ्टिंग में तकनीक ज्यादा इस्तेमाल होती है. मुहल्ले में चर्चा का केंद्रअमरनाथ का घर मुहल्ले में चर्चा का केंद्र बना है. इस कार्य में लगे मिस्त्री संजय भारती ने डिप्लाेमा या इंजीनियिरंग की पढ़ाई नहीं की है. पंजाब-हरियाणा और बिहार में वे सैकड़ाें घराें काे लिफ्ट कर चुके हैं. अमरनाथ के पड़ाेसियाें ने जब सुना कि घर ऊपर उठेगा, ताे उन्हें टेंशन हाेने लगी. जब अपनी आंखाें से उन्होंने देखा ताे सब कुछ समझ आ गया. दस फीट ऊंचा हाे सकता है मकानकंपनी पुराने मकान को तीन फीट तक लिफ्ट करने के लिए 125 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से ठेका लेती है. 4-8 फीट तक मकान लिफ्ट कराने पर प्रति वर्ग फीट 20 रुपये अधिक के हिसाब से चार्ज देना होगा. वहीं 8-10 फीट लिफ्ट कराने के लिए 20 रुपये प्रति वर्गफीट यानी 165 रुपये वर्गफीट खर्च आयेगा. कारगर विधि है लिफ्टिंगकाम बहुत अच्छे तरीके से चल रहा है. परिवार के लाेग चाहें, ताे छत का उपयोग कर सकते हैं. पूरा घर खाली कर दिया है. रोजाना अंदर का मुआयना पूरा परिवार ही नहीं मुहल्ले वाले भी करते हैं. – अमरनाथ, मकान मालिक सर्वाेदय पथक्या है मकान लिफ्ट करने की प्रक्रिया- सबसे पहले मकान खाली कराकर अंदर के फर्श को खोदा गया. नींव को साइड से उखाड़कर लिंटर के नीचे लोहे के एंगल लगाये गये – घर काे समान लेवल में रखने के लिए वाटर लेवल तकनीक का इस्तेमाल किया गया.- सभी एंगलों को वेल्डिंग कर एक समान बेस तैयार किया और नीचे जैक लगाये गये. कुल 125 जैक लगाकर आधा-आधा इंच उठाना शुरू किया.- जैक का लीवर उठाने के लिए 10 एक्सपर्ट मजदूर लगे हैं, जो हेड मिस्त्री का आदेश मिलने पर एक साथ सभी जैक को आधा-आधा इंच ऊपर उठाते हैं.- जब 125 जैक आधा इंच ऊपर आ जाते हैं, तब दोबारा से फिर एक-एक करके सभी जैक लीवर के सहारे आधा इंच उठाया जाता है. यह प्रक्रिया दिन भर चलती है.

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