कंपनी व रैयतदारों के बीच वार्ता विफल

कंपनी व रैयतदारों के बीच वार्ता विफल- कंपनी ने कहा-तत्कालीन सरकार ने जमीन अधिग्रहण की- रैयतदारों ने कहा- मुआवजा दिया गया तो, सूची दिखायें जमशेदपुर. बिष्टुपुर चमरिया गेस्ट हाउस में बुधवार को टाटा कंपनी के प्रतिनिधि व रैयतदारों के बीच लंबी वार्ता हुई. इसमें कंपनी की आेर से चीफ कॉरपोरेट- रितु राज सिन्हा, अपर सचिव- […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2015 9:07 PM

कंपनी व रैयतदारों के बीच वार्ता विफल- कंपनी ने कहा-तत्कालीन सरकार ने जमीन अधिग्रहण की- रैयतदारों ने कहा- मुआवजा दिया गया तो, सूची दिखायें जमशेदपुर. बिष्टुपुर चमरिया गेस्ट हाउस में बुधवार को टाटा कंपनी के प्रतिनिधि व रैयतदारों के बीच लंबी वार्ता हुई. इसमें कंपनी की आेर से चीफ कॉरपोरेट- रितु राज सिन्हा, अपर सचिव- अनिल उरांव और रैयतदारों का नेतृत्व झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के संयोजक हरमोहन महतो कर रहे थे. हालांकि वार्ता का कोई निष्कर्ष नहीं निकला. रितुराज सिन्हा ने कहा कि टाटा कंपनी ने तत्कालीन सरकार से जमीन अधिग्रहण की है और सरकार ने रैयतों को मुआवजा देकर जमीन ली है. इसपर हरमोहन महतो ने कहा कि यदि रैयती को मुआवजा दिया गया है, तो उनकी सूची उपलब्ध करायी जाये. इसपर कंपनी प्रतिनिधि रैयतों को सूची उपलब्ध नहीं करा सके. श्री हरमोहन महतो ने कहा कि 86 बस्ती को सबलीज व मालिकाना हक देने से पहले मूल रैयतों का सर्वे कराया जाये. रैयतों को उनका हक देना होगा. रैयतों में उत्तम महतो, दिनेश गोप, गोपाल मांझी, रामलाल हेंब्रम, रूदन सिंह भूमिज, संतोष महतो, गुगुल महतो व अन्य वार्ता में मौजूद थे. वार्ता के बाद टाटा कंपनी बनने से 18 मौजा के विस्थापितों ने अलग से बैठक की. बैठक में दुर्गापूजा के बाद आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया.

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