टाटा मोटर्स गेट पर चार घंटे तक प्रशक्षिुओं का हंगामा (उमा 6 से 22)
टाटा मोटर्स गेट पर चार घंटे तक प्रशिक्षुओं का हंगामा (उमा 6 से 22)- कंपनी के अधिकारी पर प्रशिक्षुओं से मारपीट करने का आरोप- वार्ता में जांच के बाद कार्रवाई के आश्वासन पर खत्म हुआ आंदोलन- दंडाधिकारी यश्मिता सिंह, टेल्को थाना प्रभारी दलबल के साथ पहुंचे- प्रबंधन ने 19 से 23 अक्तूबर तक छुट्टी की […]
टाटा मोटर्स गेट पर चार घंटे तक प्रशिक्षुओं का हंगामा (उमा 6 से 22)- कंपनी के अधिकारी पर प्रशिक्षुओं से मारपीट करने का आरोप- वार्ता में जांच के बाद कार्रवाई के आश्वासन पर खत्म हुआ आंदोलन- दंडाधिकारी यश्मिता सिंह, टेल्को थाना प्रभारी दलबल के साथ पहुंचे- प्रबंधन ने 19 से 23 अक्तूबर तक छुट्टी की घोषणा की प्रशिक्षुओं की मांगें 1. रविवार को ड्यटी की, इसलिए 19 अक्तूबर से पांच दिनों की छुट्टी दी जाये2. प्रशिक्षुओं से स्थायी कर्मचारियों की तरह प्रोडक्शन का काम न कराया जाये3. प्रशिक्षुओं से सुपरवाइजर गलत व्यवहार करते हैं, इसे रोका जाये4. प्रशिक्षुओं को नाइट शिफ्ट में बुलाने की परिपाटी बंद हो वरीय संवाददाता, जमशेदपुररविवार को ड्यूटी के बाद पांच दिनों की छुट्टी, प्रशिक्षुओं से उत्पादान कार्य नहीं कराने और एक प्रशिक्षु से कंपनी अधिकारियों की कथित मारपीट के विरोध में आइटीआइ प्रशिक्षुओं (ट्रेनीज) ने शनिवार की सुबह चार घंटे तक टाटा मोटर्स मुख्य गेट जाम रखा. प्रशिक्षु से मारपीट करने वाले अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा किया. मामला बिगड़ता देख प्रबंधन ने पांच दिनों (19 से 23 अक्तूबर) की छुट्टी की घोषणा की. वहीं वार्ता में जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. इसके बाद मामला शांत हुआ. टाटा मोटर्स के प्रशिक्षुओं का कहना था कि रविवार को उन्होंने काम किया था. इस कारण पांच दिनों की छुट्टी दी जाये. वहीं उन्हें उत्पादन कार्य में न लगाया जाये. इसे लेकर दो दिनों से कंपनी में आइटीआइ प्रशिक्षु हंगामा कर रहे हैं. शुक्रवार को इसे लेकर वार्ता हुई थी. प्रशिक्षुओं का आरोप है कि वार्ता के दौरान मैनेजमेंट के एक अधिकारी ने सोनू कुमार और पीयूष की पिटाई कर दी. इसमें सोनू कुमार को चोटें आयी, जिसे टेल्को अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था. इसके विरोध में शनिवार की सुबह छह बजे से सभी प्रशिक्षु एकजुट हो गये. सुबह सात बजे कर्मचारियों के अंदर चले जाने के बाद मुख्य गेट पर करीब तीन हजार प्रशिक्षु बैठ गये. उनकी मांग थी कि दोषी अधिकारी को तत्काल गिरफ्तार किया जाये. इनसे वार्ता के लिए पहले मैनेजमेंट की ओर से अधिकारी रंजीत धर, रवि सिंह, विशाल बादशाह, प्रमोद कुमार, बीएन सिंह समेत अन्य लोग पहुंचे, लेकिन रास्ता नहीं निकल पाया. मौके पर टेल्को थाना प्रभारी मोहम्मद अमीष पहुंचे, लेकिन बात नहीं बन पायी. यहां दंडाधिकारी के तौर पर यश्मिता सिंह को भेजा गया. प्रशिक्षुओं के आग्रह पर कंपनी प्रबंधन ने तत्काल सर्कुलर निकाला और उन्हें 19, 20, 21, 22 व 23 अक्तूबर को छुट्टी की घोषणा कर दी. इसके बाद वार्ता हुई. इसमें दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. इसके बाद माहौल शांत हुआ और आंदोलन खत्म हुआ. आंदोलन में पहुंचे भाजपा नेता का विरोध, हिरासत में सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे भाजपा नेता डीडी त्रिपाठी समर्थकों के साथ पहुंचे और आंदोलन में शामिल हो गये. प्रशिक्षुओं ने उनका विरोध करते हुए कहा कि मामला कंपनी का है. इस कारण बाहरी नेताओं को उसमें शामिल करना नहीं चाहते हैं. इस दौरान डीडी त्रिपाठी की हूटिंग भी की गयी. माहौल बिगड़ता देख टेल्को थाना प्रभारी ने डीडी त्रिपाठी को हिरासत में ले लिया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. पीछे के रास्ते से घुसे अधिकारी व कर्मचारीआंदोलन के दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों को पीछे के रास्ते से कंपनी में प्रवेश कराया गया. दूसरे गेटों से सबकी इंट्री करायी गयी. पहली बार प्रशिक्षु एकजुट नजर आयेआइटीआइ प्रशिक्षुओं ने पहली बार इस तरह आंदोलन किया. प्रशिक्षुओं ने एकजुटता दिखायी. करीब तीन हजार प्रशिक्षु आंदोलन में शामिल थे.