‘शिक्षा मंत्री का बयान सही है’

जमशेदपुर: शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के गैर जनजातीय भाषा के अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी से वंचित करने की बात की झारखंड दिशोम पार्टी (जेडीपी) सराहना करती है. यह बात जेडीपी के केंद्रीय महासचिव ईश्वर सोरेन ने कही. करनडीह में एक प्रेस कांफ्रेंस में श्री सोरेन ने कहा कि केवल सुर्खियों में रहने व वोट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2013 9:57 AM

जमशेदपुर: शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के गैर जनजातीय भाषा के अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी से वंचित करने की बात की झारखंड दिशोम पार्टी (जेडीपी) सराहना करती है.

यह बात जेडीपी के केंद्रीय महासचिव ईश्वर सोरेन ने कही. करनडीह में एक प्रेस कांफ्रेंस में श्री सोरेन ने कहा कि केवल सुर्खियों में रहने व वोट बैंक के लिए बयानबाजी नहीं की जाये, बल्कि उसे धरातल पर भी उतारा जाये. श्री सोरेन ने 25 अक्तूबर को आदिवासी हित में झारखंड बंद का आह्वान किया. इस दौरान बिरसा मुमरू, कविराज मुमरू, मंगल पाड़ेया, लखन मुमरू, मार्शल टुडू, लक्ष्मण बेसरा, रामचंद्र टुडू, सुबोध मार्डी व परव हांसदा उपस्थित थे.

वचनबद्धता दोहरायी
झारखंड पार्टी (नरेन) के महासचिव शैलेंद्र मैथी ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के बयान को सही बताया है. उन्होंने कहा है कि शिक्षा मंत्री का टेट से भोजपुरी व मगही को हटाने संबंधी बयान झारखंड की माटी के प्रति वचनबद्धता का परिचायक है. श्रीमती उरांव ने पार्टी लाइन से हट कर यह बात कही है. अत: इस पर अमल करते हुए नियुक्ति में स्थानीयता की नीति निर्धारित की जानी चाहिए.

स्थानीयता लागू हो
झारखंड छात्र मोरचा के कोल्हान विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष जयनारायण मुंडा ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव द्वारा टेट से भोजपुरी व मगही को हटाने की बात कहे जाने का समर्थन किया है. उन्होंने स्थानीयता तय करने की मांग भी की है.

सीतारामडेरा में बैठक
सीतारामडेरा में आदिवासी हो समाज केंद्रीय समिति की बैठक हुई. इसमें शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव द्वारा गैर जातीय भाषा के शिक्षक की बहाली को रद्द करने के बयान को जायज बताया गया. समिति अध्यक्ष भगवान चातर ने कहा कि मुंबई, दिल्ली व दक्षिण भारतीय राज्यों में हमेशा ऐसी बहाली का विरोध होता रहा है. बैठक में सोमनाथ बानरा, ठाकुर सिंह कालुंडिया, सोनाराम बोदरा, टीसी केराई, हेमंत बिरुआ, डिबरु पाड़ेया, सुकमति कंडेयांगबुरू, जयंती बांकिरा, मानसिंह देवगम आदि थे.

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