सबको रहता है इंतजार, भोग है अनमोल
सबको रहता है इंतजार, भोग है अनमोलफोटो हैरी संवाददाता, जमशेदपुर शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा के दौरान भक्ति के कई रूप एक साथ देखने को मिलते हैं. कहीं पूजा पंडाल का आकर्षण दिखायी देता है तो कहीं प्रतिमा और पूजा पद्धति की विविधता नजर आती है. वहीं पंडालों में प्रसाद के रूप में […]
सबको रहता है इंतजार, भोग है अनमोलफोटो हैरी संवाददाता, जमशेदपुर शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा के दौरान भक्ति के कई रूप एक साथ देखने को मिलते हैं. कहीं पूजा पंडाल का आकर्षण दिखायी देता है तो कहीं प्रतिमा और पूजा पद्धति की विविधता नजर आती है. वहीं पंडालों में प्रसाद के रूप में वितिरत होने वाले भोग का अलग ही क्रेज है. लोग भोग ग्रहण करने के प्रति कितने उत्साहित रहते हैं इसकी पड़ताल करने के लिए प्रभात खबर की टीम ने अलग-अलग पूजा पंडालों का दौरा किया अौर लोगों से बातचीत की. जब भोग खाना है तो दूरी क्या देखना : जवाहर दास बागबेड़ा के रहने वाले जवाहर दास ने बताया कि बेल्डीह कालीबाड़ी के भोग के बारे में उन्होंने अपने एक दोस्त से सुना था. इसी वजह से भोग लेने कालीबाड़ी पहुंचे. यहां उन्होंने 4 हांडी भोग लिया. उन्होंने बताया कि इसे सपरिवार खाने के साथ-साथ दोस्तों के बीच भी बांटेंगे . ———-कीमत चाहे जो लगे, भोग है अनमोल : विशाल कदमा उलीयान के विशाल अपने दोस्त प्रदीप के साथ भोग लेने बेल्डीह पहुंचे थे. यहां 80 रुपये में भोग मिल रहा था. भोग की दर में वृद्धि पर उन्होंने कहा कि कीमत मायने नहीं रखता. प्रसाद है, अौर यह अनमोल है. इसी कारण इसे पाने के लिए लंबी लाइन लगती है. ———-तीन दिन तक घर में नहीं बनेगा खाना : कौशल किशोर सिंह उद्यमी कौशल किशोर सिंह मानगो मून सिटी में रहते हैं. मंगलवार की दोपहर में वे अपनी पत्नी राखी अौर बेटी कुहू के साथ अपार्टमेंट में होने वाले पूजा पंडाल में भोग लेने के लिए पहुंचे. कौशल ने बताया कि उनके घर में तीन दिनों तक दोपहर अौर शाम का खाना नहीं बनता है. पूरा परिवार प्रेम से भोग का आनंद लेता है. उन्होंने बताया कि भोग के स्वाद का कोई विकल्प नहीं. इसका इंतजार हर किसी को रहता है. ———-बेटा घर में खिचड़ी नहीं खाता, भोग का है दीवाना : देवकी देवकी नंदन शर्मा सोनारी में रहते हैं. वे मंगलवार की दोपहर करीब 1.30 बजे सोनारी सेंट्रल दुर्गा पूजा कमेटी के पास अपने दोनों बेटे अभि अौर देव के साथ पहुंचे. तीन हांडी भोग लिया. उन्होंने बताया कि घर में हर शनिवार को खिचड़ी बनती है, लेकिन बच्चे बिल्कुल नहीं खाते हैं. लेकिन दुर्गा पूजा के भोग इनके लिए खास हैं. साल भर इसका इंतजार करते हैं.