60 दिनों में सरसो तेल 12 रुपये लीटर महंगा
60 दिनों में सरसो तेल 12 रुपये लीटर महंगाशहर में प्रतिमाह 150 ट्रक तेल की खपतबाहर से शहर में आता है सरसो तेलशहर व अासपास नहीं है मिलसरसो तेल पर लगता है 5 % वैटजमशेदपुर. जमशेदपुर में सरसो तेल दो माह में औसतन 12 रुपये लीटर महंगा हो गया है. यह बढ़ोतरी थोक में हुआ […]
60 दिनों में सरसो तेल 12 रुपये लीटर महंगाशहर में प्रतिमाह 150 ट्रक तेल की खपतबाहर से शहर में आता है सरसो तेलशहर व अासपास नहीं है मिलसरसो तेल पर लगता है 5 % वैटजमशेदपुर. जमशेदपुर में सरसो तेल दो माह में औसतन 12 रुपये लीटर महंगा हो गया है. यह बढ़ोतरी थोक में हुआ है. खुदरा दुकानदार इसे अपने हिसाब से बेच रहे हैं. उन पर किन्हीं का नियंत्रण नहीं है. यही कारण है कि खुदरा दुकानों में भी एक ही तेल की कीमत अलग-अलग वसूली जा रही है. राज्य में सरसो की खेती नाममात्र की होती है. यहां मूल रूप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पंजाब से सरसो व तेल आता है. सरसो तेल पर राज्य में पांच प्रतिशत का वैट लगता है. शहर में प्रतिमाह औसतन डेढ़ सौ ट्रक सरसो तेल की खपत है. एक ट्रक में 14 टन माल रहता है. बाजार में लोकल तेल के अलावा कई नामी ब्रांड के तेल बिक रहे हैं. तत्काल बाबा रामदेव की संस्थान द्वारा उत्पादित सरसो तेल की कीमत सबसे अधिक है. बाजार में इंजन, हाथी, बापू, सलोनी समेत दर्जनों मार्का के तेल बिक रहे हैं. इसकी कीमत 120-130 रुपये प्रति लीटर के बीच है. तेल पहले 108-118 रुपये प्रति लीटर था. इसके अलावा कई ब्रांड के रिफाइन, वनस्पति (डालडा) बाजार में बिक रहे हैं. इस शहर में राइस अॉयल की खपत नहीं है. जबकि मध्य प्रदेश व ओड़िशा में इसकी अच्छी खपत है. हाथी सरसो डिपो के मैनेजर राकेश मिश्रा के मुताबिक दाम बढ़ने के कई कारण हैं. सरसो की फसल खराब हो गयी है. यहां सरसो की पैदावार नहीं होती है. दूसरे राज्यों से यहां तेल मंगाया जाता है. ट्रासपोर्ट की लागत बढ़ गयी है. सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. लगातार बढ़ रही कीमतों को देखते हुए प्रशासन जागा है. मंडी में छापेमारी कर थोक व्यापारियों की धड़कन बढ़ायी है.