फ्लैग::: सूर्योदय पूर्व स्नान कर सूर्यदेव को अर्पित करें अर्घ्य

फ्लैग::: सूर्योदय पूर्व स्नान कर सूर्यदेव को अर्पित करें अर्घ्य(फोटो कार्तिक स्नान के नाम से सेव है)हेडिंग::: कार्तिक स्नान व्रत आज सेलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर धर्म, कर्म आदि की साधना के साथ ही आरोग्य वृद्धि और उसकी रक्षा के लिए नित्य स्नान करना आवश्यक है, किन्तु कार्तिक, माघ, वैशाख आदि महीनों में नित्य स्नान का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 9:41 PM

फ्लैग::: सूर्योदय पूर्व स्नान कर सूर्यदेव को अर्पित करें अर्घ्य(फोटो कार्तिक स्नान के नाम से सेव है)हेडिंग::: कार्तिक स्नान व्रत आज सेलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर धर्म, कर्म आदि की साधना के साथ ही आरोग्य वृद्धि और उसकी रक्षा के लिए नित्य स्नान करना आवश्यक है, किन्तु कार्तिक, माघ, वैशाख आदि महीनों में नित्य स्नान का विशेष महत्व माना गया है. कार्तिक माह में सूर्योदय से पूर्व स्नान करना परम पुण्य दायक माना गया है. इस व्रत का संकल्प आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को करने तथा पूरे महीने प्रात: स्नान के पश्चात कार्तिक पूर्णिमा को इसे पूरा करने का विधान है. इस वर्ष यह अवसर हमें मंगलवार, 27 अक्तूबर से आगामी 25 नवंबर (बुधवार) तक प्राप्त हो रहा है. हिंदू मान्यता में इसे एक व्रत के रूप में लिया जाता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक महीने में जितेंद्रिय रह कर एक भुक्त अथवा द्विभुक्त भोजन या फिर स्वास्थ्यानुसार आहार लेकर इस व्रत को पूरा किया जाता है. मान्यतानुसार ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ के साथ ही पुण्य की प्राप्त भी होती है. वैसे तो इसमें किसी तीर्थ, नदी आदि में स्नान का विधान है, किन्तु वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार अपने घर में ही जल में कुशा ए‌वं संकल्प लेकर स्नान किया जा सकता है. ध्यान रहे कि सूर्योदय से पूर्व स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करने के पश्चात अपने नित्य पूजन आदि संपन्न करना चाहिए. पुन: प्रदोष काल अथवा रात्रि काल में देव मंदिरों, चौराहों, गलियों, तुलसी चौरे पर, पीपल पेड़ के नीचे एवं लोकोपयोगी स्थानों पर दीपक अवश्य प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसा पूरे महीने नित्य करने का विधान बताया गया है. ऐसा करने से कार्तिक स्नान का व्रत पूरा होता है.

Next Article

Exit mobile version