करनडीह में एक को आदिवासियों का महाजुटान (डीएस 1)

करनडीह में एक को आदिवासियों का महाजुटान (डीएस 1) – कोल्हान स्तर के पारंपरिक व्यवस्था चलाने वाले परगाना व ग्रामप्रधान करेंगे शिरकत- हक की लड़ाई का मोर्चा अब पारंपरिक ग्रामप्रधान अपने हाथ में लेंगे -राज्य गठन के 15 साल में क्या खोया-क्या पाया पर फोकस होगा जमशेदपुर. एक नवंबर को करनडीह में आयोजित सम्मेलन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2015 7:22 PM

करनडीह में एक को आदिवासियों का महाजुटान (डीएस 1) – कोल्हान स्तर के पारंपरिक व्यवस्था चलाने वाले परगाना व ग्रामप्रधान करेंगे शिरकत- हक की लड़ाई का मोर्चा अब पारंपरिक ग्रामप्रधान अपने हाथ में लेंगे -राज्य गठन के 15 साल में क्या खोया-क्या पाया पर फोकस होगा जमशेदपुर. एक नवंबर को करनडीह में आयोजित सम्मेलन में कोल्हानभर के आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था चलाने वाले माझी व परगाना का महाजुटान होगा. इसमें करीब 5 हजार माझी बाबा (ग्रामप्रधान) व नायके (पुजारी ) शिरकत करेंगे. वहीं समाज के शिक्षाविद, बुद्धिजीवी व आम नागरिक हजारों की संख्या में पहुंचेंगे. उक्त बातें बुधवार को करनडीह आदिवासी भवन में आयोजित माझी परगाना महाल जमशेदपुर प्रखंड के प्रेस कांफ्रेंस में जुगसलाई तोरोफ परगाना दासमता हांसदा ने कही. उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन में पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आदिवासियों को मिले संवैधानिक अधिकार व उसके हनन पर विशेष चर्चा की जायेगी. आदिवासियों के विकास के लिए झारखंड की परिकल्पना की गयी, ताकि उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके. राज्य गठन के 15 साल बाद भी आदिवासियों को हाशिये पर रखा गया है. विकास के नाम पर उद्योग व डैम बनाने के नाम पर विस्थापन कर उनका विनाश बददस्तूर जारी है. उन्हाेंने कहा कि पारंपरिक स्वशासन को सुदृढ़ बनाने, सरना धर्म, कॉलम कोड समेत अन्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जायेगा.

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