श्रीकृष्णा मंदिर में देर रात तक महिलाओं का तांता (फोटो दूबेजी)

श्रीकृष्णा मंदिर में देर रात तक महिलाओं का तांता (फोटो दूबेजी)जमशेदपुर. रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित श्री कृष्णा मंदिर में करवा चौथ की शाम व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी. व्रतियों के साथ-साथ चमचमाती लाइट से सजेधजे मंदिर परिसर में कई चरणों में व्रत कथा पाठ किया गया. एक-एक चरण में करीब 60 से अधिक महिलाअों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2015 9:50 PM

श्रीकृष्णा मंदिर में देर रात तक महिलाओं का तांता (फोटो दूबेजी)जमशेदपुर. रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित श्री कृष्णा मंदिर में करवा चौथ की शाम व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी. व्रतियों के साथ-साथ चमचमाती लाइट से सजेधजे मंदिर परिसर में कई चरणों में व्रत कथा पाठ किया गया. एक-एक चरण में करीब 60 से अधिक महिलाअों ने पूजा-अर्चना की एवं व्रत कथा श्रवण किया. इस दौरान मंदिर में हुई भव्य आरती हुई. करीब नौ बजे तक मंदिर परिसर में महिलाअों का आना जाना लगा रहा. ले बहन प्यारी बीरा….विवाहित स्त्रियों को सोलह शृंगार कर मंदिर परिसर में माता गौरी, गणेश और भगवान शिव सहित माता करवा की पूजा की. पंडित द्वारा करवा माता की कहानी सुनायी गयी. पंडित ने महिलाअों को बताया कि करवा चौथ व्रत में छलनी का महत्व इसलिए है, क्योंकि छलनी के कारण ही एक पतिव्रता स्त्री का व्रत टूटा था. करवा चौथ की कथा के अनुसार भावुकता में आकर भाइयों ने अपनी बहन को छल से चांद की जगह छलनी की ओट से दीया दिखा कर भोजन करवा दिया था. झूठा चांद देखकर भोजन करने के कारण पतिव्रता स्त्री अपना पति खोना पड़ा. इसके बाद पूरे वर्ष उस स्त्री ने चतुर्थी तिथि का व्रत रखा. पुन: करवा चौथ को छलनी से वास्तविक चांद देखने के बाद उस स्त्री को अपना पति प्राप्त हुआ. बादल में छिपा रहा चांद, करना पड़ा इंतजार शुभ समय काल में चांद बादल में छिपे रहने के कारण व्रतियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा. पंडित के कहे अनुसार कुछ महिलाअों ने शुभ समय में आकाश की अोर देख कर व्रत पूरा किया.

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