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हर दिल में बसे हैं नेताजी : शेखर डे (ऋषि-31)

हर दिल में बसे हैं नेताजी : शेखर डे (ऋषि-31)मिलानी के प्रेक्षागृह में आजाद हिंद फौज दिवस समारोह (फ्लैग)संवाददाता. जमशेदपुरतू शेर हिंद आगे बढ़…कदम- कदम बढ़ाये जा…’ यह गीत है उन सैनिकों का जिन्होंने आजादी के संघर्ष के दौरान अपने माथे पर कफन बांध कर संकल्प लिया था कि अगर देश के लिए जान भी […]

हर दिल में बसे हैं नेताजी : शेखर डे (ऋषि-31)मिलानी के प्रेक्षागृह में आजाद हिंद फौज दिवस समारोह (फ्लैग)संवाददाता. जमशेदपुरतू शेर हिंद आगे बढ़…कदम- कदम बढ़ाये जा…’ यह गीत है उन सैनिकों का जिन्होंने आजादी के संघर्ष के दौरान अपने माथे पर कफन बांध कर संकल्प लिया था कि अगर देश के लिए जान भी गंवानी पड़ी तो इसका उन्हें गर्व होगा. उस सैनिक दल के नेतृत्वकर्ता थे सुभाष चंद्र बोस. आजादी की लड़ाई में भारत ने अपने कई सिपाही खोए. उनमें से कई जवान आज हमारे आदर्श हैं लेकिन कुछ साथी ऐसे भी थे जो गुमनामी की भीड़ में कहीं खो गये. ऐसे ही जवानों से सजी एक सेना थी आजाद हिंद फौज. उक्त बातें आजाद हिंद फौज दिवस समारोह में सुभाष संस्कृति परिषद के उपाध्यक्ष शेखर डेे ने कहीं. वे शनिवार को मिलानी के प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. समारोह में देश के वीर जवानों को याद किया गया. श्री डे ने कहा कि 21 अक्तूबर को यह दिवस मनाया जाता है, लेकिन दुर्गापूजा उत्सव के कारण इस दिवस के कार्यक्रम में बदलाव किया गया. उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर यात्रा के दौरान कैथेहाल गये थे. जहां 21 अक्टूबर, 1943 को उन्होंने आजाद हिंद सरकार का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास के सुनहरे पन्नों को हम भूल बैठे हैं. नेताजी ने देश के सम्मान के लिए आगे आने की प्रेरणा हर भारतवासी में जगायी. पर आज हम जाति भेद के तले दब गये हैं अौर महापुरुषों को भी इसी दायरे में समेटने की कोशिश कर रहे हैं. आज इस पर हर भारतवासी को सोचने की जरूरत है. महापुुरुषों के बलिदान को याद रखना जरूरी : दीपांकरमिलानी के महासचिव दीपांकर दत्ता ने कहा कि शहर में कई अंग्रेजी स्कूल हैं जहां नेताजी की जयंती नहीं मनायी जाती है. आज हम देश के विकास की बात कर रहे हैं लेकिन देश के लिए बलिदान करने वाले महापुरुषों की चर्चा तक स्कूलों में नहीं की जा रही है. जरूरत इस बात की है कि हर दिल में नेताजी के प्रति चेतना को जगाया है. विमल चक्रवर्ती ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को इतिहास की सही जानकारी देने की जरूरत है. मुख्य वक्ता विकास मुखर्जी ने नेताजी के बलिदान एवं आदर्शों को अपनाने पर बल दिया. परिषद के अध्यक्ष रंजीत चौधरी ने दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम का शुभारंभ अर्जुन पुरस्कार विजेता सुब्रोतो दत्ता, शेखर डे, रंजीत चौधरी, दीपांकर दत्ता एवं अन्य अतिथियों द्वारा नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया. स्वागत भाषण भाष्कर मित्रा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन सुरजीत ने किया. कदम, कदम बढ़ाये जा…कार्यक्रम का शुभारंभ विनय कालिंदी एंड टीम द्वारा कदम कदम बढ़ाये जा खुशी के गीत गाये जा…पेश कर किया गया. वहीं बाल योगा मित्र मंडल ने बच्चों ने योगा की कई शैलियों को पेश किया. आगे विनय कालिंदी एंड टीम व महिला समिति सदस्यों ने देश भक्ति गीत गाये.

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