हिंदू नहीं, सरना है आदिवासियों का धर्म
हिंदू नहीं, सरना है आदिवासियाें का धर्म (हैरी- 15, 17, 19)माझी पारगाना माहाल का अधिकार सम्मेलन : जुटे 94 गांव के आदिवासी, कहा (फ्लैग)11-12-13 काे साेहराय मनायेंगे काेल्हान के आदिवासी, जाेरदार ढंग से मनायेंगे शिकार पर्व उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर माझी पारगाना माहाल के अधिकार सम्मेलन काे संबाेधित करते हुए जुगसलाई ताेरफ पारगाना दशमत हांसदा ने […]
हिंदू नहीं, सरना है आदिवासियाें का धर्म (हैरी- 15, 17, 19)माझी पारगाना माहाल का अधिकार सम्मेलन : जुटे 94 गांव के आदिवासी, कहा (फ्लैग)11-12-13 काे साेहराय मनायेंगे काेल्हान के आदिवासी, जाेरदार ढंग से मनायेंगे शिकार पर्व उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर माझी पारगाना माहाल के अधिकार सम्मेलन काे संबाेधित करते हुए जुगसलाई ताेरफ पारगाना दशमत हांसदा ने कहा कि आदिवासियों का धर्म सरना है, इसलिए उन्हें हिंदू धर्म की श्रेणी में शामिल करने की काेशिश नहीं की जानी चाहिए. हम पूजा-त्याेहार माझी पारगाना द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देशाें के अनुरूप मनायेंगे. जिसके तहत आदिवासी समुदाय 11-12-13 नवंबर काे साेहराय पर्व मनायेगा. रविवार काे करनडीह स्थित जयपाल सिंह स्टेडियम में माझी पारगाना माहाल जमशेदपुर प्रखंड कमेटी द्वारा एक दिवसीय अधिकार सम्मेलन का आयाेजन किया गया. इसमें 94 गांव के लाेगाें ने शिरकत कर कई प्रस्ताव पारित किया. संविधान में प्रदत्त पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अनुच्छेद 244 (1) के प्रावधानाें, ग्राम सभा के अधिकार एवं शक्तियाें काे सख्ती से लागू करने की वकालत की. ताेरफ पारगाना दशमथ हांसदा ने कहा कि आदिवासी सेंदरा पूजा करेंगे, इस दाैरान परंपरागत हथियाराें से लैस हाेकर इसमें हिस्सा लें. माझी पारगाना व्यवस्था के तहत कानूनी मामलाें का निपटारा किया जायेगा. समाज के मामलाें काे निपटाने के लिए पुलिसिया प्रक्रिया काे दूर रखा जायेगा. सरना समुदाय काे माननेवाले आदिवासी अपनी जमीन किसी भी दूसरे समुदाय काे नहीं बेचेंगे. जाहेरथान आैर श्मशान की भूमि का अतिक्रमण या फिर उससे छेड़छाड़ हाेने पर विराेध किया जायेगा. केजी से लेकर मैट्रिक तक की पढ़ाई आेलचिकि में शुरू की जानी चाहिए. काेल्हान में नशा मुक्ति अभियान चलाया जायेगा. प्रत्येक चार माह में माझी पारगाना की बैठक हाेगी. जाहेर पूजा में आदिवासी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे. सम्मेलन काे अादिवासी छात्र एकता के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसाई मार्डी, नरेश मुर्मू समेत अन्य की वक्ताआें ने भी संबाेधित किया. इस अवसर पर कमेटी के उपाध्यक्ष परीक्षित मुर्मू, रमेश चंद्र मुर्मू, साेमनाथ साेरेन, सनातन मार्डी, सुमित्रा साेरेन समेत अन्य काफी लाेग उपस्थित थे. सम्मेलन के विशेष मुद्देआदिवासी क्षेत्र यानी संविधान में प्रदत्त पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र के मानव संसाधन पर केंद्र एवं राज्य सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है. सरकार की नजर यहां बसनेवाले मानव संसाधन से ज्यादा खनिज संसाधन पर है. जबकि सुप्रीम काेर्ट ने कैलासा बगैराह बनाम महाराष्ट्र क्रिमिनल केस संख्या 10367 /2010 के तहत फैसले में कहा कि आदिवासी एकमात्र भारत के मूल निवासी यानी इंडिजिनस पीपुल हैं. सरकार ने आदिवासियाें के वास्तविक आैर अर्थपूर्ण समाधान की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया. इसलिए सम्मेलन के माध्यम से अनुसूचित क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, न्यायिक एवं राजनीतिक विकास की उपयाेगिता काे हासिल करने के लिए एकजुट हाेने की जरूरत है. 1. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्राें का विस्तार) अधिनियम 1996 की धारा 4 (झ) के अनुसार परियाेजना हेतु भू अर्जन के पूर्व ग्राम सभाआें से परामर्श किया जाना आवश्यक है, जिसका उल्लंघन कर अनगिनत गांवाें काे विस्थापित करने के उद्देश्य से उद्याेग हेतु भू-अर्जन काे सरकार द्वारा प्रतिष्ठा का विषय बना लिया गया है. 2. आजादी के बाद आदिवासियाें की जमीन पर कल कारखाने, खदानाें, जैम परियाेजनाआें तथा सेना के फायरिंग रेंज आदि की स्थापना के कारण आबादी पर दूरगामी असर पड़ा है. 10 साल के अंतराल में हाेेनेवाली जगणना में आबादी 76 प्रतिशत से घट कर 2001 की जनगणना में 27 प्रतिशत रह गयी है. 3. अनुसूचित क्षेत्राें में राज्यपाल की लाेक अधिसूचना के बिना एवं ग्राम सभा की अनुमति के बगैर सभी सीआरपीएफ कैंपाें काे बनाया गया है, जिसे हटाया जाये.4. एमएमआरडी एक्ट 1957, संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882, काेल वियरिंग एरिया एक्विजिशन एंड डेवलाेपमेंट एक्ट 1957 तथा भूमि अधिग्रहण कानून 1894, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में लागू नहीं है, चूंकि राज्यपाल के संविधान के अ़नुच्छेद 244 ( 1 ) की धारा 5 ( 1 ) द्वारा अथवा पारा 5 (2) के तहत विनियमन बनाकर लागू नहीं किया है. 5. अनुसूचित क्षेत्राें में खनिज संपदा का लीज पट्टा आदिवासियाें की सहकारिता समिति काे ही दिया जाना चाहिए. (सुप्रीम काेर्ट के समता बनाम अांध्रे प्रदेश राज्य फैसला 1997 )6. आदिवासियाें की विशेष पहचान सरना काे धर्म काेड के रुप में अविलंब मान्यता प्रदान की जाये. 7, संविधानिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक, न्याय की गारंटियाें के लिए पेसा कानून 1997, सीएनटी एक्ट 1908, एसपीटी एक्ट 1949, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं अनुसूचित जनजातियाें आैर अन्य परंपरागत वन निवासी ( वन अधिकाराें की मान्यता) अधिनियम 2006 काे दृढ़तापूर्वक लागू किया जाये.9. आम आदमी काे पुलिस की परेशानी से बचाने के लिए परंपरागत स्वाशासन एवं संस्थाएं/ ग्रामीण अदालताें काे तीन साल तक की सजावाले क्रिमनल व सिविल मामले की प्राथमिकी दर्ज करने तथा फैसला करने का अधिकार दिया जाये. उपस्थित माझी परगाना : माझी बाबा मुनीनराम मार्डी, बीर सिंह बास्के, दुर्गा चरण मुर्मू, भादाेव मुर्मू, सुखराम किस्कू, सालखू साेरेन, भागमत साेरेन, लखन साेरेन, जय शंकर टुडू, भुगलू हांसदा, रमेश मुर्मू, गाेपाल हांसदा, कारु माझी, मधु साेरेन, साेमनाथ साेरेन, जायराम हांसदा, जमशेदपुर प्रखंड के सभी राजस्व ग्राम के माझी बाबा एवं प्रखंड कमेटी माझी परगाना महल के सदस्य.