टॉक शो : सिलेबस व ज्ञान
टॉक शो : सिलेबस व ज्ञानहेडिंग::: ज्ञान के लिए सिलेबस के बाहर की भी पढ़ें परीक्षा में अच्छा करने के लिए छात्र पाठ्यक्रम (सिलेबस) की किताबें पढ़ते हैं. उनका रिजल्ट भी अच्छा हो जाता है. कई छात्र सिलेबस से बाहर की चीजें नहीं पढ़ते. यह विस्तृत ज्ञान के लिए अच्छा नहीं है. लाइफ @ जमशेदपुर […]
टॉक शो : सिलेबस व ज्ञानहेडिंग::: ज्ञान के लिए सिलेबस के बाहर की भी पढ़ें परीक्षा में अच्छा करने के लिए छात्र पाठ्यक्रम (सिलेबस) की किताबें पढ़ते हैं. उनका रिजल्ट भी अच्छा हो जाता है. कई छात्र सिलेबस से बाहर की चीजें नहीं पढ़ते. यह विस्तृत ज्ञान के लिए अच्छा नहीं है. लाइफ @ जमशेदपुर की टीम ने छात्रों से इसी मुद्दे पर बातचीत की. छात्रों का कहना था कि सिलेबस की पढ़ाई तो जरूरी है, लेकिन ज्ञान वृद्धि के लिए इससे इतर की पाठ्य सामग्री पर भी ध्यान देना चाहिये. इससे छात्रों के व्यक्तित्व का विकास होता है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायता मिलती है. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश : मैं पाठ्यक्रम की किताबों के साथ-साथ अधिक जानकारी के लिए बाहरी किताबाें को भी पढ़ लेता हूं. समझ बढ़ाने के लिए यह जरूरी है. -नीरज कुमार कुशवाहा, एबीएम कॉलेज से मेरे ख्याल में सभी छात्रों को पाठ्यक्रम से बाहर की किताबों को भी पढ़ना चाहिए. इससे हर तरह का ज्ञान बढ़ेगा. मेरी रुचि कहानियां पढ़ने में है. -पूनम शर्मा, वर्कर्स कॉलेज से पाठ्यक्रम से बाहर की किताबें पढ़ने से नयी जानकारियां हासिल होती हैं. मैं दूसरे छात्रों से कहना चाहता हूं कि वे भी सिलेबस से अलग की किताबों को पढ़ें. -सूरज ज्योतिषी, को-ऑपरेटिव कॉलेज से सिलेबस से हटकर दूसरी किताबें पढ़ने से टॉपिक विशेष पर व्यू (अवधारणा) क्लीयर होता है. चीजों को कई तरीके से सोचने की क्षमता विकसित होती है. -सुमन कुमारी, वीमेंस कॉलेज से एक्सट्रा नॉलेज के लिए पाठ्यक्रम से बाहर की किताबें भी पढ़नी चाहिए. इससे छात्रों को अधिक जानकारी भी मिलेगी व अन्य कुछ सीखने को भी मिलेगा. -अभिनव कुमार, करीम सिटी कॉलेज से जनरल नॉलेज के लिए हर तरह की किताबें पढ़नी चाहिए. मैं भी सिलेबस से हटकर किताबें पढ़ती हूं और दूसरे छात्रों को भी इसके लिए प्रेरित करती हूं. – उजमा फातमा, ग्रेजुएट कॉलेज से