टॉक शो : घर-दफ्तर में तालमेल ::: संडे के लिए एडवांस

टॉक शो : घर-दफ्तर में तालमेल ::: संडे के लिए एडवांस हेडिंग::: महिलाएं आगे आयें, फैमिली करे सपोर्ट नोट : इस खबर में दो लोगों के कोट और मिलेंगे. लोग मान लेते हैं कि घर की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है. इसलिए, जब वह नौकरी भी करने लगती हैं, तो पुरुष सदस्य घर की जिम्मेदारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2015 6:48 PM

टॉक शो : घर-दफ्तर में तालमेल ::: संडे के लिए एडवांस हेडिंग::: महिलाएं आगे आयें, फैमिली करे सपोर्ट नोट : इस खबर में दो लोगों के कोट और मिलेंगे. लोग मान लेते हैं कि घर की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है. इसलिए, जब वह नौकरी भी करने लगती हैं, तो पुरुष सदस्य घर की जिम्मेदारी में सामान्य तौर पर हाथ नहीं बंटाते. कुछ लोग अपवाद हो सकते हैं. ऐसे में घर और दफ्तर के बीच तालमेल बैठाना महिलाओं के लिए मुश्किल काम हो जाता है. वर्किंग वूमेन घर और दफ्तर में तालमेल कैसे बैठा पाती हैं? इस मुद्दे पर लाइफ @ जमशेदपुर की टीम ने कामकाजी महिलाओं से बातचीत की. उनका कहना था कि अगर फैमिली सपोर्ट करे, तो तालमेल में कोई परेशानी नहीं होती. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश: टाइम मैनेजमेंट के जरिये ऑफिस व घर के बीच तालमेल बैठाया जाता सकता है. ईमानदारी बरतने पर दोनों जिम्मेदारियां पूरी हो जाती हैं. फैमिली सपोर्ट महत्वपूर्ण है. नेहा तिवारी, (कर्मचारी, लिटिल मिलेनियम स्कूल) साकची सेमैं सुबह जल्दी उठ कर घर के काम निपटाती हूं. ऑफिस के काम भी ठंग से करती हूं. घर में काम ज्यादा होने पर परिवार के दूसरे सदस्यों की मदद लेती हूं. एस जगदंबा, (शिक्षिका, आंध्र इंगलिश स्कूल) कदमा से कब, कहां और कौन सा काम सबसे जरूरी है, इसका ध्यान वर्किंग वूमेन रखें. इससे ऑफिस और घर दोनों मैनेज हो सकते हैं. दिक्कत होने पर फैमिली मेंबर्स से सलाह लें. मीता रॉय, (डाककर्मी) बिष्टुपुर पोस्टऑफिस से काम चाहे परिवार का हो या ऑफिस का उसे पूरी शिद्दत से करें. अगर कहीं कोई दिक्कत आती है, तो अपने करीबी लोगों से शेयर करना चाहिये. परिवार का विश्वास रखना चाहिये. स्मिता सिंह, (बैंककर्मी) बिष्टुपुर एचडीएफसी बैंक से

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