बोझ ढोने की बजाय बोझ बनीं सिटी बसें

जमशेदपुर : जेएनयूआरएम के तहत खरीदी गयी अधिकतर बसें इन दिनों सिदगोड़ा डिपो में जंग खा रही हैं. सूत्रों के अनुसार जेएनयूआरएम के तहत खरीदी गयीं 50 में से 35 सिटी बसों का टैक्स फेल हो गया है. जिन्हें सिदगोड़ा डिपो में खड़ा कर दिया गया है. इन बसों का 26 नवंबर 2014 के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2015 6:50 AM

जमशेदपुर : जेएनयूआरएम के तहत खरीदी गयी अधिकतर बसें इन दिनों सिदगोड़ा डिपो में जंग खा रही हैं. सूत्रों के अनुसार जेएनयूआरएम के तहत खरीदी गयीं 50 में से 35 सिटी बसों का टैक्स फेल हो गया है. जिन्हें सिदगोड़ा डिपो में खड़ा कर दिया गया है. इन बसों का 26 नवंबर 2014 के बाद से टैक्स बकाया है.

प्रत्येक बस का प्रति तीन माह के हिसाब से लगभग 3,150 रुपये टैक्स जमा किया जाना है. निर्धारित अवधि समाप्त होने तक टैक्स जमा नहीं होने पर बकाये टैक्स के साथ 200 गुना जुर्माना जमा करने का प्रावधान है. टैक्स और जुर्माना की राशि जेएनएसी को वहन करनी होगी. बाकी 15 सिटी बसों के टैक्स का भुगतान एक सप्ताह पूर्व परिवहन विभाग को कर दिया गया. जेटीडीसी के अनुसार विगत पांच साल में जमशेदपुर में सिटी बस परिचालन में 56 से 103 प्रतिशत का नुकसान हुआ. शहर में सिटी बस परिचालन की जिम्मेवारी झारखंड पर्यटन विकास निगम द्वारा कैपिटल एजेंसी को सौंपी थी. बाद में एजेंसी ने हाथ खींच लिया. वर्तमान में सिटी बसों का इंश्याेरेंस फेल या अपडेट है, इसे लेकर संशय कायम है.

एक रूट का टेंडर होना बाकी : जेएनएसी ने सिटी बस की मरम्मत करा बसों के परिचालन के लिए टेंडर निकाला था. तीन रूट का टेंडर हो गया है, जबकि एक रूट का पुन: टेंडर होगा. इन बसों को शहर के साथ निजी स्कूलों में चलाने की योजना है.

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