ताजा हुई पुरानी यादें
ताजा हुई पुरानी यादेंफ्लैग : एक्सएलआरआइ में होमकमिंग, नौ पूर्ववर्ती विद्यार्थियों को मिला अवाॅर्ड फोटो तिवारी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर किसी के बाल सफेद हो गये थे, तो किसी के चेहरे पर झुर्रियां पड़ गयी थीं. कोई देश के बड़े बैंकर बन गये थे, तो कोई काॅरपोरेट जगत की चर्चित हस्ती. लेकिन ये लोग जब […]
ताजा हुई पुरानी यादेंफ्लैग : एक्सएलआरआइ में होमकमिंग, नौ पूर्ववर्ती विद्यार्थियों को मिला अवाॅर्ड फोटो तिवारी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर किसी के बाल सफेद हो गये थे, तो किसी के चेहरे पर झुर्रियां पड़ गयी थीं. कोई देश के बड़े बैंकर बन गये थे, तो कोई काॅरपोरेट जगत की चर्चित हस्ती. लेकिन ये लोग जब एक-दूसरे से मिले, तो सभी का अंदाज स्टूडेंट्स वाला हो गया. अपने-अपने प्रोफेसर को देख पुरानी बातें भी ताजा हुईं. हम बात कर रहे हैं एक्सएलआरआइ में आयोजित हुए होमकमिंग कार्यक्रम की. शनिवार शाम को संस्थान में पढ़ाई करने वाले पूर्ववर्ती छात्र-छात्राअों का जुटान हुआ. इस दौरान सभी ने अपने बीते दिनों की यादों को ताजा किया. टाटा अॉडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में पूर्ववर्ती नौ विद्यार्थियों को अलग-अलग खिताब से नवाजा गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि टाटा स्टील के एमडी व एक्सएलआरआइ बोर्ड अॉफ डायरेक्टर के प्रमुख टीवी नरेंद्रन, टाटा हिटाची के पूर्व एमडी राणा वीर सिन्हा, एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर अब्राहम, एल्यूमिनाइ एसोसिएशन के जमशेदपुर चैप्टर के अध्यक्ष प्रोफेसर शरद सरीन व डीन एकेडमिक्स प्रो प्रणवेश रे मुख्य रूप से उपस्थित थे. ————-एक दिन में नहीं बनता है ब्रांड समारोह में एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि एक्सएलआरआइ हो या फिर टाटा स्टील, कोई भी ब्रांड एक दिन में नहीं बनता है. हर दिन खुद को बेस्ट साबित करने के साथ ही गुड प्रैक्टिस के बाद ही कोई ब्रांड बनता है. उन्होंने एक्सलर्स से कहा कि वे लकी हैं कि एडमिशन लेने के पहले दिन से ही वे एक ब्रांड बन गये हैं. हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले 15-20 साल काफी चुनौती पूर्ण हैं. उन्होंने देश के साथ ही वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलाव के बारे में भी बताया. ————–9 को दिया जाना था अवाॅर्ड, लेकिन पहुंचे सिर्फ 4 होमकमिंग की शुरुआत 2009 से हुई. लेकिन वर्ष 2014 से अलग-अलग कैटेगिरी में अवाॅर्ड देने की प्रथा की शुरुआत हुई. ज्यूरी की अोर से पूर्ववर्ती छात्र-छात्राअों को अलग-अलग कैटेगिरी में चयनित किया गया. इस बार कुल 9 पूर्व विद्यार्थियों का चयन किया गया था, लेकिन सम्मान समारोह में सिर्फ चार ही शामिल हुए. ——-इन्हें मिला अवाॅर्ड -लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड : डॉ अकिल बुसराइ, सीइअो, अकिल बुसराइ कसल्टिंग (72 बैच)-डिस्टिंग्विस्ड एल्यूमिनस अवॉर्ड (प्रैक्टिसिंग मैनेजर ) : अमर बाबू, चेयरमैन, लेनोवो इंडिया (91 बैच), चंद्रमौली वेंकटसन, एमडी, मोंडेलेज इंडिया फूड्स लिमिटेड (91 बैच), पीएस जयकुमार : सीइअो, एमडी, बैंक अॉफ बड़ौदा (86 बैच) -डिस्टिंग्विस्ड एल्यूमिनस अवॉर्ड (एकेडमिशियन) : डॉ सरोह कुरुविला, प्रोफेसर, कॉरनेट यूनिर्वसिटी (81 बैच), डॉ रघु गाड़ुद, प्रोफेसर, पेनसाल्विया स्टेट यूनिवर्सिटी (80 बैच) -डिस्टिंग्विस्ड एल्यूमिनस अवॉर्ड (यंग अचीवर्स) : डीएनवी कुमार गुरु, डायरेक्टर, एक्सटरनल रिलेशंस एंड एचआर, इंडियन स्कूल अॉफ बिजनेस (जीएमपी 2005 बैच) -डिस्टिंग्विस्ड एल्यूमिनस अवॉर्ड (इंटरप्रेन्योर) : महेश योगरामनन, एमडी, फस्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (88 बैच) -डिस्टिंग्विस्ड एल्यूमिनस अवॉर्ड (पब्लिक सर्विस) : अनुराग बेहर, सीइअो, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन (92 बैच) ———————-मां 26 साल की उम्र में हो गयी थीं विधवा : जयकुमार एक्सएलआरआइ के होमकमिंग में शामिल होने के लिए बैंक अॉफ बड़ौदा के सीइअो व एमडी पीएस जयकुमार भी शहर पहुंचे. वे एक्सएलआरआइ में बिजनेस मैनेजमेंट के 86 बैच के स्टूडेंट थे. यहां पहुंचने पर उन्होंने कहा कि वे आज जिस पद पर भी हैं, उसमें दो महिलाअों का सबसे ज्यादा योगदान है. पहली उनकी मां अौर दूसरी पत्नी. जयकुमार ने कहा कि उनकी मां 26 साल की उम्र में ही विधवा हो गयी थीं. उस वक्त उनके साथ चार साल की एक बहन भी थी. दोनों को उन्होंने पढ़ाया अौर हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद उन्होंने एक्सएलआरआइ में दाखिला लिया. उन्होंने बताया कि सिटी बैंक में जब वे ज्वाइन करने पहुंचे थे, तो बॉस ने ज्यादा कुछ पूछे बगैर ही उन्हें जॉब अॉफर किया. उन्होंने जो भरोसा उन पर जताया था उसी का नतीजा है कि वे पूरी ऊर्जा के साथ हर दिन बेहतर करने की कोशिश करते हैं. ———-लगातार नंबर वन पर बना है एक्सएलआरआइ : डायरेक्टर एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर इ अब्राहिम ने भी समारोह को संबोधित किया. उन्होंने एक साल में एक्सएलआरआइ द्वारा तय किये गये माइल स्टोन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस साल किये गये सर्वे के अनुसार एक्सएलआरआइ पिछले साल की तरह ही निजी क्षेत्र में नंबर वन बी स्कूल की जगह पर बना हुआ है.