तय लक्ष्य के अनुसार तैयारी करें

तय लक्ष्य के अनुसार तैयारी करें अफसा इशरार मार्क्स : 84 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : कॉमर्स स्कूल : एडीएलएस सनसाइन स्कूल, साकची बोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : अंजुम आरा-मो इशरार लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत और इससे ऊपर अंक का लक्ष्य रखा था. इसी के अनुरूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 7:00 PM

तय लक्ष्य के अनुसार तैयारी करें अफसा इशरार मार्क्स : 84 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : कॉमर्स स्कूल : एडीएलएस सनसाइन स्कूल, साकची बोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : अंजुम आरा-मो इशरार लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत और इससे ऊपर अंक का लक्ष्य रखा था. इसी के अनुरूप मैंने तैयारी की थी. मुझे थोड़े कम अंक मिले, लेकिन मैं संतुष्ट हूं. मैं कहना चाहती हूं कि बिना लक्ष्य के आप आगे नहीं बढ़ सकते. साथ ही लगातार अभ्यास से आपकी मेहनत में निखार आता है. मैंने ऐसा ही किया था. चिह्नित कर लेती थी महत्वपूर्ण बिंदु तैयारी के दौरान मैंने पाठ्य पुस्तक पर खुद को एकाग्रचित्त कर लिया था. हर किताब को थॉरोली पढ़ा. टीचर किताब में महत्वपूर्ण बिंदुओं और प्रश्नों को चिह्नित कर देते थे. इससे पढ़ने में काफी सहूलियत होती थी. रीडिंग के दौरान अलग से चिह्नित बिंदुओं और प्रश्नों पर ध्यान देती थी. मैं हर चीज को समझ कर ही पढ़ती थी. रोज पढ़ती थी क्लास नोट्स क्लास में टीचर्स नोट्स भी बनवाते थे. ये नोट्स काफी अच्छे थे. परीक्षा के पहले हर विषय के नोट को एक बार जरूर पलट लेती थी. वहीं, मैंने टेन इयर्स बुक व क्वेश्चन बैंक से भी तैयारी की थी. आप दस साल के प्रश्न सॉल्व कर लेते हैं, तो इसके बाद दिक्कत कम रह जाती. आपका कॉन्फिडेंस लेवल काफी बढ़ जाता है. ऐसे करती थी डाउट क्लियर घर में तैयारी के दौरान कहीं डाउट होता था, तो पहले मैं उसे देर तक सॉल्व करने की कोशिश करती थी. समझ में न आने पर फ्रेंड्स से पूछती थी. इसके बाद भी समझ में नहीं आता, तो हम ग्रुप बनाकर स्कूल चले जाते थे और टीचर से समझते थे. लिखकर करती थी याद टीचर लिखकर पढ़ने की सलाह देते थे. मैंने इसे फॉलो किया. पाठ याद हो जाने के बाद मैं उसे एक बार लिख लेती थी. इससे चीजें अच्छी तरह याद हो जाती हैं. साथ ही उत्तर लिखने में समय की जानकारी भी हो जाती है. मुझे इतिहास में थोड़ी परेशानी हुई थी. चैप्टर काफी बड़े थे. इसलिए, जल्दी याद नहीं हो पाता था. इस पर मैंने ध्यान देना शुरू किया. बार-बार अभ्यास करने से अंत तक इतिहास में भी दिक्कत नहीं रह गयी थी. बैंकिंग क्षेत्र में बनाना है कैरियर मैं बैंकिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहती हूं. बारहवीं के बाद मैं बैंकिंग संबंधी प्रतियोगिता परीक्षा देना शुरू करूंगी. इसकी अभी से तैयारी शुरू कर दी है. बात पते की बोर्ड की तैयारी के लिए शुरू से मेहनत करेंकिताबों में मुख्य बिंदु को चिह्नित कर लें रटें नहीं, चीजों को समझकर पढ़ें

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