झारखंड हाइकोर्ट ने सरायकेला की खरकई नदी डैम परियोजना को बंद करने के मामले में दायर पीआइएल पर सुनवाई की. इस दौरान भूमि सुधार व राजस्व विभाग के सचिव सशरीर उपस्थित हुए. उनकी ओर से कोर्ट को परियोजना के बारे में जानकारी दी गयी. इस पर कोर्ट ने शपथ पत्र दायर कर यह बताने का निर्देश दिया कि इस परियोजना के तहत अभी और कितनी जमीन के अधिग्रहण का काम बचा हुआ है. साथ ही कितनी राशि विभाग के पास उपलब्ध है.
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता की ओर से बताया गया कि जमीन अधिग्रहण स्थानीय विरोध के कारण नहीं हो पा रहा है. इससे परियोजना पूरी करने में बाधा आ रही है. दोनों अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि खरकई डैम परियोजना पर लगभग 6100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद परियोजना को बीच में रोकना उचित नहीं है. आपस में मिलजुल कर समस्या का समाधान निकालते हुए परियोजना को पूरा करना चाहिए.
अगली सुनवाई 20 मार्च को : कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्रेष्ठ गौतम ने पैरवी की. प्रार्थी संतोष कुमार सोनी ने पीआइएल दायर किया है. इसमें कहा गया है कि परियोजना में 6000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है. निर्माण पूरा नहीं किया गया, तो काफी नुकसान होगा. परियोजना के लिए केंद्र सरकार राशि दे रही है. काम पूरा नहीं होने पर राज्य सरकार को दोगुनी राशि लौटानी पड़ेगी. इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में परियोजना को बंद कर दिया है.