गोवर्धन पूजा 12 को, भाई दूज व दावात पूजा 13 को

गोवर्धन पूजा 12 को, भाई दूज व दावात पूजा 13 को जमशेदपुर : दीपावली के अगले दिन, यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट महोत्सव होता है. इसमें खरीफ फसल से प्राप्त अनाजों तथा नयी सब्जियों से बना भोग भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है. इस पर्व का संबंध कृष्णावतार से है. कथा आती है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2015 10:20 PM

गोवर्धन पूजा 12 को, भाई दूज व दावात पूजा 13 को जमशेदपुर : दीपावली के अगले दिन, यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट महोत्सव होता है. इसमें खरीफ फसल से प्राप्त अनाजों तथा नयी सब्जियों से बना भोग भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है. इस पर्व का संबंध कृष्णावतार से है. कथा आती है कि श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण कर गोप-गोपियों की इंद्र के कोप से रक्षा की थी. इसी की खुशी में गोप-गोपिकाओं ने उन्हें तरह-तरह के व्यंजन बना कर खिलाया था. इस दौरान गौ (गोवंश) वृद्धि के लिए गाय एवं अन्य पशुओं को भी सजा कर पूजा की जाती है. इस वर्ष यह पूजा गुरुवार, 12 नवंबर को है. पूजा का उत्तम समय : प्रात: 6:44 से 8:52 बजे तक. ————–भाई दूज 13 कोकार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज), चित्रगुप्त पूजा आदि त्योहार मनाये जाते हैं. यम द्वितीया का संबंध सूर्य पुत्र यम एवं उनकी बहन यमुना से है. बताया जाता है कि सूर्यपुत्र यम देव अपने कार्यों में इतने व्यस्त हो गये कि अपनी बहन यमुना से मिलने भी नहीं जा सके. एक दिन यमुना उनके घर पहुंचीं, जिन्हें देख यमराज बहुत प्रसन्न हुए एवं उनसे वर मांगने को कहा. यमुना ने उनसे वर मांगा कि जो व्यक्ति इस दिन (उनसे मिलने जाने के दिन, कार्तिक शुक्ल द्वितीया) को उनके जल में स्नान कर यमराज की पूजा करेगा, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होगी. यह पर्व शुक्रवार 13 नवंबर को है. पूजन का उत्तम समय : अपराह्न 12:35 से 2:46 बजे तक.———-चित्रगुप्त पूजा (दावात पूजा) इसी दिन धर्मराज के सहयोगी चित्रगुप्त की जयंती एवं उनकी पूजा भी की जात है. शास्त्रानुसार उन्हें ही हमारे शुभ कर्मों का लेखा-जोखा रखने का अधिकार है. इसीलिए उनका पूजन किया जाता है. इस दिन भगवान चित्रगुप्त की सविधि पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि आती है तथा अपनी जिम्मेवारियों के प्रति सजगता आती है. यह पूजा शुक्रवार 13 नवंबर को है.पूजन का अत्युत्तम समय : दिवा 11:30 से 11:51 बजे तकपूजन का उत्तम समय : प्रात: 5:58 से 10:05 बजे तकपूजन के लिए वर्जित समय : दिवा 10:06 से 11:29 बजे तक

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