…और सुनवाई के लिए ट्रब्यिूनल टीम को नीचे आना पड़ा
…और सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल टीम को नीचे आना पड़ा – बेटे से भरण-पोषण नहीं पा रही मायारानी नहीं चढ़ पा रही थी सीढ़ियां संवाददाता, जमशेदपुरसमाज कल्याण विभाग की ओर से गठित अनुमंडल स्तरीय भरण-पोषण ट्रिब्यूनल टीम को मंगलवार को सुनवाई के लिए डीसी ऑफिस के निचले तल पर आना पड़ा. बेटों से प्रताड़ित सोनारी […]
…और सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल टीम को नीचे आना पड़ा – बेटे से भरण-पोषण नहीं पा रही मायारानी नहीं चढ़ पा रही थी सीढ़ियां संवाददाता, जमशेदपुरसमाज कल्याण विभाग की ओर से गठित अनुमंडल स्तरीय भरण-पोषण ट्रिब्यूनल टीम को मंगलवार को सुनवाई के लिए डीसी ऑफिस के निचले तल पर आना पड़ा. बेटों से प्रताड़ित सोनारी की मायारानी चौधरी सहित कुल चार मामलों की सुनवाई मंगलवार को होनी थी. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी रंजना मिश्रा का चेंबर ऊपरी तल पर होने से मायारानी चौधरी सीढ़ियों से ऊपर नहीं चढ़ पा रही थी. इसकी जानकारी जब जिला समाज कल्याण पदाधिकारी रंजना मिश्रा को मिली, तो वह खुद नीचे आ गयी. दूसरे पक्ष से किसी के नहीं आने से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अब मामले की सुनवाई 20 तारीख को निचले तल पर होगी. बेटों से प्रताड़ित वरिष्ठ नागरिक को न्याय दिलाने के लिए ट्रिब्यूनल में चार मामले आये हैं. ट्रिब्यूनल हर माह के 10 एवं 20 तारीख (छुट्टी छोड़ कर) सुनवाई करेगी. अनुमंडल स्तरीय ट्रिब्यूनल में अनुमंडल पदाधिकारी अध्यक्ष, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को सदस्य व जिला स्तरीय ट्रिब्यूनल में उपायुक्त को अध्यक्ष अौर डीआरडीए की निदेशक को सदस्य बनाया गया है. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को भरण-पोषण मेंटनेंस अॉफिसर तय किया गया है. ट्रिब्यूनल के समक्ष कोई भी वरिष्ठ नागरिक, अभिभावक भरण पोषण के लिए आवेदन दे सकते हैं. सोसाइटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड संगठन के माध्यम से भी भरण पोषण के लिए ट्रिब्यूनल के समक्ष आवेदन कर सकते हैं. संतान की ओर से भरण-पोषण नहीं करने की जानकारी मिलने पर ट्रिब्यूनल स्वत: भी संज्ञान ले कर सुनवाई कर सकता है. आवेदन के बाद संबधित पक्ष को नोटिस जारी किया जायेगा अौर सुनवाई की जायेगी. ट्रिब्यूनल अधिकतम 10 हजार रुपये तक भरण पोषन देने का आदेश दे सकता है. कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति 60 साल या उससे ज्यादा का हो गया है, तो वह अपने बेटे से भरण पोषण का दावा कर सकता है.