टॉपर टॉक : अनुकूल राज ::::::संपादित

टॉपर टॉक : अनुकूल राज ::::::संपादिततैयारी के लिए पढ़ें अच्छे लेखकों की किताबेंनाम : अनुकूल राज मार्क्स : 94.5 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : एमएनपीएस, साकची बोर्ड : आइएससी (बारहवीं) माता-पिता : विभा रंजन, जवाहर शर्मा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैं परीक्षा को लेकर काफी आश्वस्त था कि मुझे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2015 6:54 PM

टॉपर टॉक : अनुकूल राज ::::::संपादिततैयारी के लिए पढ़ें अच्छे लेखकों की किताबेंनाम : अनुकूल राज मार्क्स : 94.5 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : एमएनपीएस, साकची बोर्ड : आइएससी (बारहवीं) माता-पिता : विभा रंजन, जवाहर शर्मा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैं परीक्षा को लेकर काफी आश्वस्त था कि मुझे अच्छा करना है. कम समय में सेलेबस के अनुरूप तैयारी की और सफल रहा. इसमें नोट्स व अच्छे लेखकों की किताबें काफी काम आयीं.ढाई-तीन महीने में पूरा किया सेलेबस मुझे परीक्षा के लिए काफी कम समय मिला था. मैं जून में बीमार पड़ गया था. हार्ट में दिक्कत थी. इसके बाद लगातार बीमार ही रहा. लेबोरेट्री काम के वास्ते कभी-कभी स्कूल जाना हो जाता था. वैसे अधिकतर समय स्कूल से दूर रहना पड़ा. दिसंबर में स्थिति में सुधार हुआ. इस तरह मैं दिसंबर से बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर पाया. रणनीति बनायी और कड़ी मेहनत कीक्लास अटेंड न करने के कारण मुझे काफी दिक्कत हुई. लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था. मैंने कड़ी मेहनत की. 14 से 16 घंटे पढ़ाई की और सेलेबस पूरा कर लिया. मैं क्लास टॉपर रहा हूं. इसलिए मुझे पता था कि किस विषय को कैसे और कितनी देर पढ़ना है. अनुभव के आधार पर रणनीति बनायी और मेहनत की. बड़े भाई से मिली मदद मुझे सबसे अधिक मदद बड़े भाई अंकित राज से मिली. वे आइआइटी खड़गपुर से बीटेक कर रहे हैं. इसलिए उन्हें बारहवीं बोर्ड के बारे में पता था. उन्होंने मुझे काफी मोटिवेट किया. मैथ्स और साइंस में किसी तरह की दिक्कत होने पर वह फोन पर बता देते थे. छुट्टी में घर आने पर हर विषय में सहायता करते थे. महत्वपूर्ण प्रश्नों को पढ़ना, अच्छी तरह उत्तर लिखना, हर चीज उन्होंने बतायी. इसके अतिरिक्त स्कूल टीचर भी काफी हेल्पफुल रहे. मैं उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर डाउट पूछ लेता था. कई बार फोन पर डाउट क्लीयर हो जाते थे. फीजिक्स पर किया फोकस मैंने फीजिक्स पर सबसे अधिक ध्यान दिया. इसमें पाठ्य पुस्तक के अलावा अरिहंत पब्लिकेशन में डीसी पांडेय की किताब से तैयारी की. केमेस्ट्री में आरसी मुखर्जी को पढ़ा. मैथ्स में टीएमएच पब्लिकेशन की किताब से काफी मदद मिली. इंगलिश पर भी दिया ध्यान आइएससी बोर्ड में इंगलिश कंपल्सरी पेपर होता है. इसलिए इस पर हर छात्र को ध्यान देना चाहिए. बारहवीं में दस स्टोरी व ड्रामा और दस पोयम पढ़ने होते हैं. मैंने शेक्सपीयर के नाटक पर काफी मेहनत की थी. ग्रामर की भी अच्छी तैयारी की थी. महत्वपूर्ण मोड़ होता है बारहवीं बोर्ड वर्तमान में मैं आइआइटी खड़गपुर से मेटलर्जी में बीटेक कर रहा हूं. बीटेक के बाद किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करना चाहता हूं. मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहता हूं कि क्लास ग्यारहवीं और बारहवीं लाइफ के महत्वपूर्ण मोड़ होते हैं. इसलिए बारहवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह से करनी चाहिए. बात पते की – खुद पर भरोसा रखें- कड़ी मेहनत करें- समय पर सेलेबस पूरा करें

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