वरष्ठि नेताओं को मनाने के प्रयासों के तहत जेटली ने जोशी से मुलाकात की

वरिष्ठ नेताओं को मनाने के प्रयासों के तहत जेटली ने जोशी से मुलाकात की नयी दिल्ली. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मनाने के प्रत्यक्ष प्रयास के तहत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की. बिहार में भाजपा को मिली शर्मनाक हार के बाद पार्टी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2015 12:00 AM

वरिष्ठ नेताओं को मनाने के प्रयासों के तहत जेटली ने जोशी से मुलाकात की नयी दिल्ली. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मनाने के प्रत्यक्ष प्रयास के तहत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की. बिहार में भाजपा को मिली शर्मनाक हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा था. जोशी उन चार वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने दिवाली की पूर्व संध्या पर एक तीखा बयान जारी किया था. इन नेताओं में लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हैं. जेटली ने जोशी से मुलाकात की और उनके आवास पर कुछ समय रहे. उनके बीच बातचीत का ब्यौरा ज्ञात नहीं हो सका है लेकिन कभी आडवाणी के करीबी रहे जेटली को समझा जाता है कि स्थिति को शांत करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उनकी मुलाकात के एक दिन पहले पूर्व पार्टी अध्यक्ष और जेटली के मंत्रिमंडलीय सहयोगी नितिन गडकरी ने मोदी और शाह का जोरदार बचाव करते हुए ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई तक की मांग की थी.वरिष्ठ नेताओं द्वारा हमला बोले जाने के तुरंत बाद गडकरी और दो पूर्व अध्यक्षों राजनाथ सिंह और एम वेंकैया नायडू ने पार्टी की ओर से बयान जारी किया था. पार्टी सूत्रों ने कहा कि राजनाथ सिंह की यह राय है कि आडवाणी और जोशी अनुभवी हैं और भाजपा के विकास में काफी योगदान किया है, इसलिए पार्टी को उनकी बात ध्यान से सुननी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि समझा जाता है कि गृह मंत्री इस पक्ष में हैं कि वरिष्ठ नेताओं ने जो कहा है, उसका विश्लेषण और जांच की जानी चाहिए तथा भाजपा के व्यापक हित के लिए फैसले लिए जाने चाहिएं. ऐसे फैसले सभी के लिए स्वीकार्य होने चाहिएं. इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रचार अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने आज पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी से मुलाकात की. कभी मोदी के समर्थक रहे शौरी अब उनके मुखर आलोचक हो गए हैं और कहा जाता है कि वरिष्ठ नेताओं के बयान का प्रारुप तैयार करने में उनकी भूमिका रही है.

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