शैशव काल से ही शुरू होनी चाहिए धर्म साधना
शैशव काल से ही शुरू होनी चाहिए धर्म साधना(फोटो आनंदमार्ग के नाम से सेव हैं)आनंदमार्ग का दो दिवसीय साधना शिविर आरंभआचार्य रुद्रानंद ने अनुयायियों को किया संबोधितजमशेदपुर. आनंदमार्ग प्रचारक संघ की ओर से शनिवार को गदरा आश्रम में दो दिवसीय साधना शिविर की शुरुआत हुई. प्रथम दिन के आध्यात्मिक प्रवचन में आचार्य रुद्रानंद अवधूत ने […]
शैशव काल से ही शुरू होनी चाहिए धर्म साधना(फोटो आनंदमार्ग के नाम से सेव हैं)आनंदमार्ग का दो दिवसीय साधना शिविर आरंभआचार्य रुद्रानंद ने अनुयायियों को किया संबोधितजमशेदपुर. आनंदमार्ग प्रचारक संघ की ओर से शनिवार को गदरा आश्रम में दो दिवसीय साधना शिविर की शुरुआत हुई. प्रथम दिन के आध्यात्मिक प्रवचन में आचार्य रुद्रानंद अवधूत ने कहा कि बुद्धिमान व्यक्ति को अपने शैशव काल से ही धर्म साधना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि मनुष्य का शरीर दुर्लभ है, किन्तु उससे भी दुर्लभ है वह जीवन जो साधना के द्वारा सार्थक हुआ हो. उन्होंने कहा कि हर काम समय से होना चाहिए. इससे पूर्व प्रात साधना शिविर की शुरुआत हुई, जो रात्रि तक चला. इसके तहत तीन बार आध्यात्मिक प्रवचन के साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कौशिकी, तांडव नृत्य एवं आसन के बारे में बताया गया.