किताब में हाइलाइट करें महत्वपूर्ण बातें

किताब में हाइलाइट करें महत्वपूर्ण बातेंरीत अक्षत मार्क्स : 97.4 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर फैकल्टी : प्योर साइंस स्कूल : कारमेल जूनियर कॉलेज, सोनारीबोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : अनुभा सिंह-आरपी सिंह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर अगर आप पूरे साल पढ़ायी करेंगे तो आपको कभी दिक्कत नहीं होगी. मैंने ऐसा ही किया. मैंने क्लास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 9:56 PM

किताब में हाइलाइट करें महत्वपूर्ण बातेंरीत अक्षत मार्क्स : 97.4 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर फैकल्टी : प्योर साइंस स्कूल : कारमेल जूनियर कॉलेज, सोनारीबोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : अनुभा सिंह-आरपी सिंह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर अगर आप पूरे साल पढ़ायी करेंगे तो आपको कभी दिक्कत नहीं होगी. मैंने ऐसा ही किया. मैंने क्लास को बहुत कम मिस किया. स्कूल के बाद घर पर हर दिन कम से कम तीन से चार घंटे जरूर पढ़ता था. इस दौरान मैं हर चीज को मैं समझकर पढ़ता था. टेक्स्टबुक पर किया फोकस मेरे कई दोस्त सिलेबस से बाहर की किताबें भी पढ़ते थे. लेकिन, मैंने सिर्फ टेक्स्ट बुक पर ही फोकस किया. मैं हर विषय की किताब अच्छी तरह पढ़ता था. हर अध्याय की महत्वपूर्ण बातें किताब में ही हाइलाइट कर लेता था. उसे नोट भी करता था. ताकि, तैयारी के दौरान महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सबसे पहले नजर जाये. एक ही चीज को जब आप बार-बार देखते-पढ़ते हैं, तो वह हमेशा के लिए याद हो जाती हैं. किताबों में हाइलाइट करने का यही मकसद होता है. क्वेश्चन बैंक से की थी प्रैक्टिस टेक्स्टबुक के प्रश्नों को भी मैं अच्छी तरह हल करता था. इसके अलावा मैंने पिछले 10 साल के क्वेश्चन बैंक से भी प्रैक्टिस की थी. दस साल का क्वेश्चन बना लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको परीक्षा के पैटर्न के बारे में पता चल जाता है. आपका काॅन्फिडेंस भी बढ़ता है. इसलिए हर छात्र को 10 साल के क्वेश्चन जरूर बनाने चाहिए. हर टेस्ट होती है महत्वपूर्ण हमारे स्कूल में प्री बोर्ड से पहले दो टर्म टेस्ट और कई यूनिट टेस्ट हुई थी. इसकी तैयारी भी मैंने बढ़िया से की थी. मैं मानता हूं कि हर टेस्ट महत्वपूर्ण होता है. यह बोर्ड परीक्षा में काफी सहायक होता है. टेस्ट से आपको अपनी क्षमता का अंदाजा मिलता है. आप किताबों और नोट्स से हर विषय को अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं, समझ सकते हैं. लेकिन परीक्षा में कितना लिख पाते हैं, यह महत्वपूर्ण होता है. टेस्ट आपमें यह क्षमता विकसित करता है. कहां गलती हो रही है, यह जान पाते हैं. बाद में आप डाउट क्लीयर कर सकते हैं. इसलिए मैंने हर परीक्षा को सीरियसली लिया था. इतिहास व इंगलिश में दिया अतिरिक्त समय विषयवार बात करूं, तो मेरी मैथ्स और साइंस अच्छी थी. इसे मैं रुचि लेकर पढ़ता था. इसमें दिक्कत नहीं हुई. वहीं, इतिहास और इंगलिश में भी दिक्कत नहीं हुई, लेकिन इन दोनों ही विषयों का सेलेबस अधिक था. इसलिए इसे मैंने ज्यादा समय दिया. क्लास में दी गयी थी गाइडलाइन क्लास में शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा से संबंधित गाइडलाइन दी थी. उन्होंने बताया था कि कौन से प्रश्न महत्वपूर्ण होते हैं, किस तरह से लिखने पर मार्क्स मिलते हैं. कहां मार्क्स कटने या कम मिलने के चांस रहते हैं. मैंने इसी के अनुरूप तैयारी की. आइआइटी करना है लक्ष्य आइआइटी करना मेरा लक्ष्य है. मैंने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. मैं बीटेक के बाद एमबीए करना चाहता हूं. फिर नौकरी करूंगा. बात पते की -बोर्ड परीक्षा को हौव्वा न बनायें, इसे सामान्य परीक्षा की तरह लें -ठंडे दिमाग से परीक्षा दें, अधिक प्रश्न लिख सकेंगे- अच्छा करने के लिए क्लास मिस न करें

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