भगवान सूर्य को अर्घ के लिए उठे लाखों हाथ (एमएम)

भगवान सूर्य को अर्घ के लिए उठे लाखों हाथ (एमएम)- सुवर्णरेखा घाट साकची- सुबह 6.16 बजे सूर्य भगवान के प्रकट होते ही दिया अर्ध्यवरीय संवाददाता, जमशेदपुरसाकची सुवर्णरेखा घाट में लगभग 55 हजार श्रद्धालु जुटे थे. भीड़ व जाम न लगे, इसके लिए जिला प्रशासन ने घाट पर गाड़ी ले जाने पर रोक लगा दी थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2015 6:58 PM

भगवान सूर्य को अर्घ के लिए उठे लाखों हाथ (एमएम)- सुवर्णरेखा घाट साकची- सुबह 6.16 बजे सूर्य भगवान के प्रकट होते ही दिया अर्ध्यवरीय संवाददाता, जमशेदपुरसाकची सुवर्णरेखा घाट में लगभग 55 हजार श्रद्धालु जुटे थे. भीड़ व जाम न लगे, इसके लिए जिला प्रशासन ने घाट पर गाड़ी ले जाने पर रोक लगा दी थी. घाट पर सुरक्षा के उपाय भी किये गये थे. डिजास्टर मैनेजमेंट के गोताखोर अौर बोट के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. डेंजर जोन को लाल कपड़े से घेरा गया था. कई स्वयंसेवी संगठनों ने व्रती व श्रद्धालुअों की सेवा के लिए दूध, दातुन, अगरबत्ती, चाय वितरण का शिविर लगाया था. मंगलवार की शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया गया. बुधवार तड़के से श्रद्धालु अौर व्रतियों का घाट पर पहुंचना शुरू हो गया था. भगवान सूर्य के आगमन के इंतजार में एक साथ हजारों लोग हाथ जोड़ कर खड़े थे. 5.50 बजे से जैसे ही आसमान में लालिमा बिखरी लोगों ने अर्घ की तैयारी शुरू कर दी. सुबह 6. 16 बजे सूर्य का उदय हुआ लोगों ने दूध अौर जल के साथ अर्घ दिया.—————–मानगो सुवर्णरेखा घाट में जुटे हजारों श्रद्धालुजमशेदपुर. मानगो कुंवर बस्ती अौर मानगो वर्कर्स कॉलेज छठ घाट में लगभग 17 हजार लोग छठ मनाने जुटे. छठ पूजा को लेकर मानगो अक्षेस द्वारा घाट, रास्ते की साफ-सफाई अौर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया था. समितियों ने साफ-सफाई, पार्किंग स्थल बनाये गये थे. सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों व दंडाधिकारियों को तैनात किया गया था. मंगलवार की शाम पानी कम रहने के कारण लोगों को घाट पर पूजा के लिए काफी स्थान मिला. देर रात डैम से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जल स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया अौर पूजा के लिए रखी गयी कई चौकियां बहने लगी, हालांकि घाट किनारे मौजूद युवकों ने चौकियों के नदी से निकाला. नदी का जल स्तर ज्यादा होने के कारण बुधवार की सुबह घाट के लिए स्थल कम पड़ गये, लेकिन जिसे जहां जगह मिला वहां भक्ति भाव से पूजा की. मंगलवार की शाम हजारों लोगों ने अस्ताचलगामी सूर्य को तथा बुधवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ दिया.

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