टाटा स्टील. कलिंगानगर प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने स्टील उत्पादन के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ते हुए ओड़िशा स्थित कलिंगानगर स्टील प्रोजेक्ट को ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के हाथों देश को समर्पित किया. इस मौके पर टाटा सन्स के चेयरमैन साइरस पी मिस्त्री, टाटा स्टील इंडिया के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन, टाटा स्टील के ग्रुप कार्यकारी […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने स्टील उत्पादन के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ते हुए ओड़िशा स्थित कलिंगानगर स्टील प्रोजेक्ट को ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के हाथों देश को समर्पित किया. इस मौके पर टाटा सन्स के चेयरमैन साइरस पी मिस्त्री, टाटा स्टील इंडिया के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन, टाटा स्टील के ग्रुप कार्यकारी निदेशक कौशिक चटर्जी, ओड़िशा सरकार के कई मंत्री, टाटा समूह के कई अतिथि और टाटा स्टील के अधिकारी उपस्थित थे.
देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट. कलिंगानगर स्टील प्रोजेक्ट भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ग्रीनफील्ड परियोजना है. छह मिलियन टन सालाना उत्पादन की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट से पहले चरण में 3 मिलियन टन विश्वस्तरीय चौड़े, हल्के, हाई-टेंसिल मजबूत स्टील का उत्पादन किया जायेगा. टाटा स्टील अपने भारतीय ऑपरेशन को बढ़ाकर 13 मिलियन टन सालाना क्रूड स्टील का उत्पादन करेगी.
वहीं अपने उच्च-स्तरीय चौड़े उत्पादों के पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी. इसका इस्तेमाल जहाज निर्माण, रक्षा उपकरण, ऊर्जा और बिजली, बुनियादी ढांचा निर्माण, विमानन, लिफ्टिंग एवं उत्खनन में किया जाता है. यह विस्तार टाटा स्टील के घरेलू वाहन सेगमेंट में नेतृत्वकारी स्थिति को सुदृढ़ बनायेगी.
कंपनी ने 22 हजार करोड़ निवेश किया. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 22,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश से किया गया है. कलिंगानगर प्रोजेक्ट में भारत का सबसे बड़ा 4330 घन मीटर का ब्लॉस्ट फर्नेस है. इसकी उत्पादन क्षमता 3.2 मिलियन टन सालाना है. इस प्रोजेक्ट के लिए टवीन वैगन टिप्पर से कच्चे माल की सुगम आवाजाही होगी. इसे भारत में पहली बार लगाया गया है. इसकी अपलोडिंग क्षमता 20 मिलियन टन सालाना है. टाटा स्टील सर्वाधिक उन्नत कार्बन हार्थ प्रौद्योगिकी से लैस होगी. इसके साथ ही कोक ओवन और ब्लास्ट फर्नेस से उत्सर्जित गैस से परियोजना स्थल पर ही 202 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा.