भागवत के आश्रय में ही कल्याण निहित : सीताराम दास

भागवत के आश्रय में ही कल्याण निहित : सीताराम दास (फोटो : मनमोहन.)फ्लैग : श्रीश्री राधा गोविंद मंदिर में श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह का दूसरा दिनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरसाकची के फ्लावर मिल एरिया स्थित श्रीश्री राधा गोविंद मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह के दूसरे दिन कथावाचक सीताराम दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को राजा परीक्षित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 9:41 PM

भागवत के आश्रय में ही कल्याण निहित : सीताराम दास (फोटो : मनमोहन.)फ्लैग : श्रीश्री राधा गोविंद मंदिर में श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह का दूसरा दिनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरसाकची के फ्लावर मिल एरिया स्थित श्रीश्री राधा गोविंद मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह के दूसरे दिन कथावाचक सीताराम दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को राजा परीक्षित व कलियुग के विषय में बताया. उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित को पता चला कि कलियुग का प्रवेश हो चुका है, तो वे चिंतित हुए, लेकिन यह सोच कर खुश भी हुए कि क्षत्रिय धर्म के नाते युद्ध करने का भी मौका मिलेगा. परीक्षित-कलियुग संवाद का प्रसंग सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि जीव अपने कर्म का भोग ही भोगता है. उसे अपने प्रारब्ध का भोग भोगना ही पड़ता है. किये हुए कर्म का ही फल मिलता है. सुख व दु:ख दोनों की परिस्थियों को देने वाले विधाता ही हैं. उन्होंने कहा कि कलियुग में चार चरणों में से एक मात्र धर्म ही बचा है. इसके अलावा दया, पवित्रता व तितिक्षा (धार्मिक ज्ञान प्राप्त करना) का स्थान नहीं रह गया है. ऐसे में राजा परीक्षित ने शुकदेव जी की आज्ञा का अनुसरण करते हुए श्रीमद्भागवत का श्रवण किया और उनका कल्याण हुआ. अत: कलियुग में भागवत के आश्रय में ही जीव का कल्याण निहित है. अत: श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए. आयोजन में मंदिर के प्रमुख भक्ति सर्वस्व भारती जी महाराज समेत उनके सहयोगी लगे हुए हैं. कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.

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